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श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग-चौघड़िया 17 अगस्त 2024 इस प्रकार है....
* शक संवत 1946, विक्रम संवत 2081
* अमांत महीना श्रावण, पूर्णिमांत महीना श्रावण
* वार शनिवार, पक्ष शुक्ल, तिथि द्वादशी - 08:05 तक, क्षय तिथि त्रयोदशी - 05:51, (18 अगस्त 2024) तक, नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा - 11:49 तक, योग प्रीति - 10:48 तक, करण बालव - 08:05 तक, द्वितीय करण कौलव - 19:03 तक, क्षय करण तैतिल - 05:51, (18 अगस्त 2024) तक
* सूर्य राशि सिंह, चन्द्र राशि धनु - 17:29 तक
* राहुकाल 09:22 से 10:59
* अभिजीत मुहूर्त 12:10 से 13:02
शनिवार चौघड़िया 17 अगस्त 2024
* दिन का चौघड़िया
काल - 06:09 से 07:46
शुभ - 07:46 से 09:22
रोग - 09:22 से 10:59
उद्वेग - 10:59 से 12:36
चर - 12:36 से 14:13
लाभ - 14:13 से 15:50
अमृत - 15:50 से 17:26
काल - 17:26 से 19:03
* रात्रि का चौघड़िया
लाभ - 19:03 से 20:26
उद्वेग - 20:26 से 21:50
शुभ - 21:50 से 23:13
अमृत - 23:13 से 00:36
चर - 00:36 से 01:59
रोग - 01:59 से 03:23
काल - 03:23 से 04:46
लाभ - 04:46 से 06:09
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
आज का दिन....
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