नई दिल्ली. कोलकाता में प्रशिक्षु डाक्टर के साथ रेप व हत्या के विरोध में रेजिडेंट डाक्टरों की हड़तला का आज 8वां दिन है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने भी 24 घंटे के लिए अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं चालू रखने की बात कही है. वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने डॉक्टर्स से हड़ताल खत्म करने के लिए कहा. इसके अलावा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि डॉक्टरों की मांग को लेकर कमेटी बनाई जाएगी. सुरक्षा के लिए राज्य सरकारों से भी सुझाव मांगे जाएंगे.
स्वास्थ्य मंत्रालय के इस फैसले के पहले आईएमए चीफ ने आज कहा कि इमरजेंसी सेवाएं छोड़कर अस्पतालों में कामकाज बंद है. हमारी मांग है कि डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. हमने ऐसा कुछ नहीं मांगा जो सरकार नहीं कर सकती है. गौरतलब है कि 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या की गई थी. 14 अगस्त की देर रात इसी अस्पताल में हिंसा हुई. इसके बाद आईएमए ने देशभर में प्रदर्शन का फैसला किया था. आईएमए चीफ बोले कि हम जीवन के अधिकार की मांग कर रहे हैं. यह मौलिक अधिकार है. हम प्रधानमंत्री को पत्र लिखेंगे. मामले में उन्हें हस्तक्षेप करना चाहिए.
हड़ताल का प्रभाव पूरे देश में पड़ रहा-
राजस्थान-
राजस्थान के जोधपुर में शनिवार को रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने से एमडीएम हॉस्पिटल, एम्स, महात्मा गांधी हॉस्पिटल व उम्मेद हॉस्पिटल में प्लान किए गए करीब 200 ऑपरेशन को टाल दिया गया है. हॉस्पिटल में भर्ती व इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की जिम्मेदारी सीनियर डॉक्टर्स पर आ गई है.
एमपी में रेजीडेंट डाक्टरों ने बंद किया काम-
भोपाल में एम्स सहित मध्य प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में सैकड़ों रेजिडेंट डॉक्टरों ने काम बंद कर दिया. इससे राज्यभर में मेडिकल सेवाओं पर असर देखने को मिला, कई अस्पतालों में मरीजों को बिना इलाज के छोड़ दिया गया.
कर्नाटक में सरकारी डॉक्टरों की छुट्टियां सस्पेंड-
आईएमए की हड़ताल को लेकर कर्नाटक सरकार ने सरकारी अस्पतालों के चिकित्सा अधिकारियों व सर्जनों की छुट्टियां सस्पेंड कर दीं. स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित न होनी चाहिए. जिससे लोगों को परेशानी हो.
दिल्ली में 1 लाख से ज्यादा मरीजों को नहीं मिला इलाज-
दिल्ली में सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर की हड़ताल को 5 दिन हो गए हैं. हड़ताल के चलते दिल्ली में रोजाना करीब एक लाख से अधिक मरीजों को उपचार के बिना अस्पतालों से लौटना पड़ रहा है. यहां तक कि डॉक्टरों की काम रोको हड़ताल के चलते रोजाना लगभग 250 से 300 सर्जरी भी नहीं हो पा रही हैं.
हाईकोर्ट ने हास्पिटल में तोडफ़ोड़ पर कहा क्या कर रही थी पुलिस-
कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में 14 अगस्त को हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मामले में चीफ जस्टिस ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा कि अस्पताल में 7 हजार की भीड़ आई थी. पुलिस क्या कर रही थी. इस पर पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने कहा कि हिंसा को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए. 15 पुलिसवाले भी घायल हुए थे.
एमपी हाईकोर्ट ने कहा कि जूडा हड़ताल समाप्त करें-
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने जूनियर डॉक्टर्स को हड़ताल खत्म करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि 20 अगस्त तक अपनी हड़ताल वापस लें. इससे पहले एक्टिंग चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सर्राफ की बेंच ने कहा कि हड़ताल का ये तरीका कतई ठीक नहीं है. अगर किसी की जान निकल रही होगी तो कहिएगा दो दिन बाद दवाई देंगे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कोलकाता पुलिस ने हिंसा के आरोपियों की तस्वीर जारी की, लोगों से जानकारी देने की अपील करी
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