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श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग-चौघड़िया 18 अगस्त 2024 इस प्रकार है....
* शक संवत 1946, विक्रम संवत 2081
* अमांत महीना श्रावण, पूर्णिमांत महीना श्रावण
* वार रविवार, पक्ष शुक्ल, तिथि चतुर्दशी - 03:04, (19 अगस्त 2024) तक, नक्षत्र उत्तराषाढा - 10:15 तक, योग आयुष्मान् - 07:51 तक, क्षय योग सौभाग्य - 04:28, (19 अगस्त 2024) तक, करण गर - 16:31 तक, द्वितीय करण वणिज - 03:04, (19 अगस्त 2024) तक
* सूर्य राशि सिंह, चन्द्र राशि मकर
* राहुकाल 17:26 से 19:02
* अभिजीत मुहूर्त 12:10 से 13:02
रविवार चौघड़िया 18 अगस्त 2024
* दिन का चौघड़िया
उद्वेग - 06:09 से 07:46
चर - 07:46 से 09:23
लाभ - 09:23 से 10:59
अमृत - 10:59 से 12:36
काल - 12:36 से 14:12
शुभ - 14:12 से 15:49
रोग - 15:49 से 17:26
उद्वेग - 17:26 से 19:02
* रात्रि का चौघड़िया
शुभ - 19:02 से 20:26
अमृत - 20:26 से 21:49
चर - 21:49 से 23:13
रोग - 23:13 से 00:36
काल - 00:36 से 01:59
लाभ - 01:59 से 03:23
उद्वेग - 03:23 से 04:46
शुभ - 04:46 से 06:10
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
आज का दिन....
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