यदि कोई स्वप्न में गाय के साथ बछड़े को भी देखे वा बछडे द्वारा गाय का दूध पीना देखे तो उसके धन में वृद्धि होती है.
जो व्यक्ति स्वप्न देखते समय घिघिया उसे धन का लाभ अवश्य ही होगा.
स्वप्न में यदि कोई किसी शिशु को दुम-तुमक कर चलता देखे तो उसे धन की प्राप्ति होती है.
जो व्यक्ति स्वप्न में दांत का टूटना धोना भजन करना देखे तो उसे धन का लाभ होगा.
जो व्यक्ति स्वप्न में किसी भी रूप में विष्टा के दर्शन करता है, उसे धन प्राप्त होता है.
स्वप्न में स्वयं को जो स्नान करता हुआ देखता है अथवा किसी और को स्नान करते हुए देखे तो यात्रा का योग बनता है और यात्रा से उसे धन लाभ होता है.
स्वप्न में अधोवायु का निकलना स्वप्न में किसी को कुछ देना या लेना अवश्य ही धन लाभ कराता है.
स्वप्न में किसी भी प्रकार का खून-खराबा देखना या उसमें भाग लेना धन संपत्ति प्राप्त कराने की सूचना है.
जो व्यक्ति स्वप्न में किसी को मारकर कोई वस्तु छीने या छीनकर ले भागे, उसे शेयर दलाली सट्टा या लॉटरी से धन प्राप्त होता है.
जो व्यक्ति स्वप्न में नौकरी की तलाश में भटकता फिरता है. उसे धन व संपत्ति की प्राप्ति होती है.
किसी गुरुद्वारे, मंदिर में लंगर को देखना या स्वयं को लगर खाते देखना धन सपदा में वृद्धि का सूचक है.
स्वप्न में जो स्त्री या पुरुष कपडे को सिलना / रिसलाई करते देखता है, उसे धन की प्राप्ति अवश्य ही होती है.
यदि कोई स्वप्न में स्वयं को खेत में सिचाई करते देखता है. उसे धन प्राप्त होता है.
स्वप्न में सांप की केली देखना अत्यंत शुभ माना गया है. जो व्यक्ति स्वप्न में साप की केंचुली देखता है उसे प्रत्येक कार्य में सफलता व धन प्राप्त होता है.
स्वप्न में दिखे कि गिद्ध झपट्टा मारकर कोई बीज ले गया है तो यह स्वप्न धन लाभ के योग का संकेत देता है.
लंबी चोच वाले पक्षी को स्वप्न में देखना भी धन के लाभ का योग है.
स्वप्न में चींटियो को कतार की एक लाइन में चलते देखना भी धन पाने का संकेत है.
स्वप्न में पूंछ कटी छिपकली का देखा जाना भी धन का संकेत है.
काले साप को बिल में जाते देखना भी धन प्राप्ति का कारक माना गया है.
स्वप्न में नेवला देखना संपत्ति व धन का सूचक है.
बंदर का काटना घुडकी देते देखना अचानक धन प्राप्त होने का संकेत है.
स्वप्न में भेड़िया देखना, संतान द्वारा धन लाभ होने का संकेत है.
जन्म कुंडली के अनुसार अष्टम भाव में गुरू का प्रभाव
कुंडली में षोडश वर्ग को समझे फिर देखें फलादेश की सटीकता व सफलता
जन्म कुंडली के सप्तम भाव में सूर्य शनि की युति हो तो दो शादी के योग
कुंडली के अनुसार साढ़ेसाती या ढैय्या के प्रभाव में बिना किसी कारण कलंक और बदनामी
ज्योतिष के अनुसार कुंडली के सातवें भाव में सूर्य के प्रभाव को जानना चाहिए