#SupremeCourt एक तिहाई सजा भुगतने पर जमानत का लाभ नये-पुराने सभी विचाराधीन कैदियों को मिलेगा!

#SupremeCourt एक तिहाई सजा भुगतने पर जमानत का लाभ नये-पुराने सभी विचाराधीन कैदियों को मिलेगा!

प्रेषित समय :08:40:41 AM / Sat, Aug 24th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अभिमनोज


एक तिहाई सजा भुगतने पर जमानत का लाभ नये-पुराने सभी विचाराधीन कैदियों को मिलेगा, इस विषयक केंद्र सरकार ने 23 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट किया कि- नए कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 479 का लाभ सभी विचाराधीन कैदियों को मिलेगा, चाहे उनके मामले 1 जुलाई 2024 से पहले ही क्यों न दर्ज हुए हों, मतलब.... एक तिहाई सजा भुगतने पर जमानत पाने का लाभ नये-पुराने सभी विचाराधीन कैदियों को समान रूप से मिलेगा. 

\खबर है कि.... केंद्र सरकार की ओर से यह स्पष्ट किये जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के जेल अधीक्षकों को जल्दी से जल्दी धारा 479 के प्रावधान लागू करने के आदेश दिये हैं. 

उल्लेखनीय है कि.... 1 जुलाई 2024 से लागू हुई भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 479 में विचाराधीन कैदियों को अधिकतम जेल में रखने के बारे में प्रावधान है, इस धारा के अनुसार- पहली बार के आरोपित विचाराधीन कैदी अगर उस कानून में आरोपित अपराध में दी गई अधिकतम सजा की एक तिहाई जेल काट लेता है तो कोर्ट उसे बांड पर रिहा कर देगा, यही नहीं, उम्रकैद और मृत्युदंड की सजा के अलावा अन्य किसी अपराध में आरोपित विचाराधीन कैदी अगर कुल सजा की आधी सजा काट लेता है तो कोर्ट उसे जमानत पर रिहा कर देगा.

याद रहे, इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने केंद्र सरकार से एक तिहाई सजा काटने पर जमानत मिलने के प्रावधान को पूर्व प्रभाव से लागू करने के बारे में स्थिति स्पष्ट करने को कहा था, 23 अगस्त 2024 को न्यायमूर्ति हिमा कोहली और संदीप मेहता की पीठ ने सुनवाई की जिसमें केंद्र की ओर से पेश एडीशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने स्थिति स्पष्ट करते हुए प्रावधानों को पुराने मामलों में भी लागू होने की बात कही, अर्थात.... एक तिहाई सजा भुगतने पर जमानत मिलने के बीएनएसएस की धारा 479 (1) के प्रावधान देशभर में सभी विचाराधीन कैदियों पर समान रूप से लागू होंगे, चाहें उनका अपराध 1 जुलाई 2024 के पहले ही क्यों न दर्ज हुआ हो.

खबरों की मानें तो.... सुप्रीम कोर्ट जेलों में अत्यधिक भीड़ के मामले में सुनवाई कर रहा है, पिछली सुनवाई के दौरान इस प्रावधान को लेकर अदालत ने स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश दिए थे!

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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