1. आप पूजा करें या न करें, परन्तु भवन में शुभ दिशा में एक स्थान अवश्य बनायें, जहां आप थोड़ी देर ध्यानावस्था में बैठकर अपने आप में खो जायें, अपने इष्ट को ध्यान करें. बड़ी शांति मिलेगी. फिर, हाथ जोड़कर ऊठ जायें और नित्यकर्म में लग जायें.
2. उत्तर-पूर्व में एक छोटा जल-स्त्रोत जैसे कृत्रिम फाउन्टेन स्थापित कर सकते हैं.
3. उत्तर/उत्तर-पूर्व में तुलसी का पौधा रोप सकते हैं.
4. घर के बाहर भगवान शंकर को प्रिय धतूरे का पौधा रोपित कर सकते हैं.
5. घर के मुख्य प्रवेश-द्वार पर जमीन के नीचे चांदी/तांबे का नाग- नागिन का जोड़ा दबा सकते हैं, इससे नकारात्मक ऊर्जा को घर मे प्रवेश होने से रोका जा सकता है.
6. घर/दुकान/कार्यालय के मुख्य प्रवेश- द्वार पर लाल या सिंदूरी ॐ या स्वास्तिक बना सकते हैं.
7. प्रवेश द्वार पर अशोक के पत्तों की बंदनवार लगा सकते हैं.
8. प्रतिदिन प्रात: उठकर घर के मुख्य द्वार की सफाई व धुलाई कर सकते हैं.
9. मुख्य द्वार पर कोई भी वेध न बने, इसका हमेशा ध्यान रखें.
कुल मिलाकर अन्य विधियों से भी हम अपने घर को ऐसा बनाने का प्रयास करें कि हम स्वयं जब अपने घर में प्रवेश करें या कोई बाहरी व्यक्ति प्रवेश करे तो ऐसा अहसास हो कि हम एक मंदिर सदृश भवन में कदम रख रहे हैं.
व्यर्थ वार्तालाप एवं गुरुओं की निंदा छोड़कर आप लोग कुछ अन्य साधारण उपाय भी शेयर करें, जिससे सभी का कुछ भला हो, हमारे और हमारे भवन की ऊर्जा में सकारात्मक वृद्धि हो एवं इस बहुमूल्य समय का बेहतर सदुपयोग भी हो.
Astro nirmal
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