हल्द्वानी. उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में पिछले दो दिनों से जारी भारी वर्षा ने शुक्रवार को भयंकर तबाही मचाई. पिथौरागढ़ और चंपावत जिलों में बारिश के कारण हुए मलबा घुसने और पेड़ गिरने की घटनाओं में तीन महिलाओं की मौत हो गई, जबकि एक किशोर समेत दो अन्य लापता हो गया हैं.
पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में पेट्रोलिंग के दौरान एक आइटीबीपी जवान और एक पोर्टर लापता हो गए हैं. चंपावत जिले के ढोरजा गांव में 58 वर्षीय माधवी देवी की मौत उस समय हो गई जब बांज का पेड़ और मलबा उनके गोशाला पर गिर गया. वहीं, मटियानी गांव में भूस्खलन का मलबा कई मकानों में घुस गया, जिसमें 55 वर्षीय शांति देवी की मौत हो गई और मदन सिंह का 12 वर्षीय बेटा जगदीश सिंह लापता हो गया.
हल्द्वानी में शनिबाजार रोड पर एक ई-रिक्शा के नहर में गिरने से तीन युवकों की जान पर बन आई. दो युवकों को बचा लिया गया, लेकिन रिक्शा चालक रवि आर्य (27) का शव करीब एक किमी दूर मिला. अल्मोड़ा जिले के धिकालना ग्राम पंचायत में बरसाती नाले में बहने से दान सिंह (73) की मौत हो गई.
भूस्खलन के कारण रानीखेत के गोविंद सिंह माहरा नागरिक चिकित्सालय को बंद करना पड़ा है. अस्पताल में भर्ती 21 मरीजों को अन्य स्वास्थ्य केंद्रों और निजी अस्पतालों में शिफ्ट किया गया है. चंपावत, बागेश्वर, नैनीताल, पिथौरागढ़, ऊधम सिंह नगर और उत्तरकाशी जिलों के स्कूल शनिवार को भी बंद रहेंगे. स्थानीय प्रशासन और आपातकालीन सेवाएँ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई हैं.