जन्मकुंडली में केतु अगर आपके 1 भाव में है तो एक बात का ध्यान रखें, खुद को थोड़ा गुप्त रखें, अपने बारे में ज्यादा किसी को जानकारी न होने दें व जब तक आपका कोई महत्वपूर्ण कार्य पूर्ण न हो जाए तब तक उसकी चर्चा किसी से भी न करें.
केतु अगर 2 भाव में है तो अपने धन को गुप्त रखें, दिखावा न करें, अपनी आय का वखान किसी से न करें, अधिक बोलने से बचें, अपने परिवार से बनाकर रखें बहसबाज़ी हो तो मौन धारण कर लें.
केतु अगर 3 भाव में हो तो झगड़े से बचें, कभी भी झगड़े की स्थिति निर्मित हो तो वहां से निकल लें, अपने भाई बहनों से कोई उम्मीद न रखें.
केतु अगर 4 भाव में हैं तो निस्वार्थ भाव से माता की सेवा करें, माँ अगर आपसे नाराज़ भी रहती है तो भी उसकी चर्चा किसी से न करें, खुद के घर में भी किरायेदार के तौर पर रहें, अधिक सुखों की चाह न करें.
केतु अगर 5 भाव में है तो अपने ज्ञान को अहंकार न बनने दें, बिना मांगे किसी को सलाह न दें, अपने बच्चों से भी सलाह लें, उनसे कोई उम्मीद न रखें, प्रेमी या प्रेमिका से भी अधिक उम्मीद न रखें.
केतु अगर 6 भाव में है तो स्वास्थ्य का ध्यान रखें, मामा पक्ष से अधिक लगाव न रखें, क़र्ज़ व लेन देन से बचें, यदि कोई क़र्ज़ है भी तो चुपचाप उसे चुकाएं, उसका रोना किसी के सामने न रोएं.
केतु अगर 7 भाव में है तो जीवन साथी के प्रति सम्मान रखें, लेकिन बहुत अधिक लगाव न रखें, पार्टनर शिप में कोई व्यवसाय न करें, अपने जीवनसाथी के व्यवहार की जिक्र किसी से न करें.... बहस की स्थिति तो निर्मित होगी ही, आप मौन धारण करें.
केतु 8 भाव मे हो तो पूजा पाठ गुप्त रूप से करें, कोई न कोई साधना अवश्य करें, अचानक होने वाले लाभ या हानि की चर्चा किसी से न करे.
केतु अगर 9 भाव में हो तो यह एक शुभ स्थिति है केतु के लिए, यहां बैठकर केतु जातक को धर्म से जुड़ाव देगा, अपने गुरु का सम्मान व पिता का सम्मान अवश्य करें, अपने धर्म का अनादर न हो इसका ध्यान रखें, मंदिर अवश्य जाएं, अपने घर पर झंडा लगाएं धर्म का.
केतु 10 भाव में हो तो अपने सहकर्मियों का सम्मान करें, कार्यक्षेत्र में बार बार बदलाव न करें, या फिर ऐसा कार्य चुनें जिसमें घूमना फिरना अधिक न हो.. अपने कार्यालय में उदासी वाला माहौल न बनने दें, अपने कार्य क्षेत्र में होने वाली परेशानियों के बारे में किसी को न ही बताएं.
केतु 11 भाव में है तो अपने लाभ के बारे में सोचना तो छोड़ ही दें, और अगर कहीं से अचानक कोई लाभ होता है तो किसी को न बताएं, अपने बड़े भाई बहनों का सम्मान करें, वो चाहे जैसे भी हों.
केतु 12 भाव में हो तो अपने खर्चों का रोना न रोएं किसी के सामने, दुश्मनों की अधिक चिंता न करें, अपने शयनकक्ष में शांत रहें व मेडिटेशन अवश्य करें, 12 भाव मे केतु मोक्षकारक होता है, इसलिये सांसारिक सुखों की ज्यादा चाह न रखें.