मंगल खराब हो जाये तो बीमारी कभी नहीं छोड़ती मंगल ग्रह का कमजोर या खराब होना आपके शरीर के लिए बहुत ही हानिकारक होता है ऐसे में हमें मंगल ग्रह के विषय में कुछ जानकारी होना चाहिए.
कमजोर मंगल ग्रह के लक्षण और उपाय
मंगल पराक्रम, उग्रता, साहस और हमारे शरीर में रक्त के कारक साथ ही जटिल से जटिल बीमारियों में लड़ने में सहायक ग्रह माने जाते हैं. किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह का बलवान होना उसके साहस को दर्शाता है.
मंगल कुंडली में पीड़ित या कमजोर हो जाए तो ठीक इसके विपरीत फल मिलता है आपको बता दें मंगल ग्रह का पीड़ित होना अलग बात है और कमजोर होना अलग बात है.
मंगल ग्रह का कमजोर होना उस को कहते हैं जब मंगल मृत हो और अस्त अवस्था में हो.
मंगल ग्रह का पीड़ित होना उसे कहते हैं जब मंगल कर्क राशि में हो राहु के साथ हो या शनि के साथ हो या इनसे दृष्ट हो.
कमजोर मंगल के लक्षण
मंगल ग्रह का कमजोर होना सबसे पहला लक्षण यह है कि व्यक्ति में थकान हमेशा रहती है उसके अंदर बिल्कुल भी ऊर्जा जोश नहीं रहता.
कोई भी काम करने में मन नहीं लगता बेकार की बातों को सोचकर डरे रहते हैं, दूसरों की बातों में आसानी से फंस जाते हैं और अपना नुकसान कर लेते हैं.
एक बार अगर कोर्ट कचहरी में फस जाये तो हमेशा फशते रहते हैं समस्या सुलझने की बजाय और बिगड़ जाती है, शरीर में कोई ना कोई बीमारी रहती है वजन इनका नहीं बढ़ता है.
शरीर के किसी भी हिस्से में हल्का भी चोट लग जाए तो अधिक मात्रा में खून निकलता है और उस चोट को ठीक होने में काफी समय लग जाता है, जातक के अंदर किसी भी समस्या से लड़ने की हिम्मत नहीं होती है.
इन नक्षत्र में मंगल ग्रह पीड़ित या खराब हो जाता है
आप खुद ही अपनी जन्म कुंडली में मंगल ग्रह को देख सकते हैं कि वह किस नक्षत्र में बैठा हुआ है और क्या फल दे रहा है.
सूर्य का नक्षत्र कृतिका,उत्तर फाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा में मंगल पीड़ित होतो क्रोध अधिक होगा ,धैर्य की कमी होगी,बदले की भावना ज्यादा होगी.
चंद्रमा का नक्षत्र रोहिणी हस्त श्रवण में अगर मंगल पीड़ित हो तो रक्त से संबंधित बीमारी त्वचा की बीमारी,फालतू की बातों को मन मे लेकर ज्यादा चिंता करना
मंगल का अपना नक्षत्र मृगाशीरा चित्रा धनिष्ठा में अगर पीड़ित हो जाए तो इतना ज्यादा बुरा फल नहीं देता है लेकिन धैर्य की कमी, उग्रता में वृद्धि साथ ही किसी भी बात को बर्दाश्त करने की क्षमता बहुत कम हो जाती है.
अश्लेषा जेष्ठा रेवती यह बुध ग्रह के नक्षत्र हे अगर इस में मंगल पीड़ित हो जाए तो आवश्यक या अनावश्यक रूप में ज्यादा बोलते बोलते रहना चाहे किसी को उसकी बात पसंद हो या न हो, वाणी शुद्ध नहीं होना साथ ही उसकी शब्दों में अनेक प्रकार की विकृतियां देखने को मिलती है.
बृहस्पति का नक्षत्र पुनर्वसु विशाखा पूर्वाभाद्रपद इसमें अगर मंगल पीड़ित हो जाए तो ज्यादा नुकसान नहीं होता है बस उस जातक में बिन मांगे ज्ञान देने की सलाह अधिक होती है.
शुक्र का नक्षत्र भरणी पूर्वाफाल्गुनी पूर्वाषाढ़ा में कमजोर या पीड़ित हो जाये तो खुद की नजरों में गिर जाना चारित्रिक पतन होना साथ ही विपरीत लिंग के प्रति मन में गलत विचार आना.
अगर शनि के नक्षत्र में मंगल ग्रह खराब पीड़ित हो जाए तो चोट एक्सीडेंट दुर्घटना बार-बार आत्महत्या करने की भावना आती है.
राहु के नक्षत्र में यदि मंगल खराब है पीड़ित हो जाए तो जातक ज्यादा हिंसात्मक प्रवृत्ति का हो जाता है किसी को भी मरने और मारने पर उतारू हो जाता है.
केतु का नक्षत्र अश्विनी मघा मूल मैं मंगल ग्रह खराब हो जाए तो ब्लड प्रेशर हाई होना साथ ही चिड़चिड़ापन क्रोध अधिक मात्रा में आता है.
खराब मंगल को ठीक करने के लिए बहुत सारे उपाय हैं लेकिन आप सबसे सरल उपाय कर सकते हैं जो यहां पर हम बता रहे हैं.
जितना हो सके सर्वप्रथम कार्तिकेय भगवान,हनुमान जी की आराधना करें उनकी पूजा करे .हनुमान की पूजा में उनकी प्रिय सामग्रियों को अवश्य चढ़ाये. अगर हो सके मंगलवार का व्रत करे .
आप मा दुर्गा की आराधना भी कर सकते है माँ की आराधना से भी कमजोर मांगल बहुत जल्दी ठीक होजाता है और शुभ फल देने लग जाता है.
Kamya Vedic Astro