नई दिल्ली. बीजेपी सांसद कंगना रनौत ने कृषि कानून पर बयान देकर देश का सियासी पारा बढ़ा दिया. हालांकि उन्होंने अपने बयान में ही उम्मीद जताई थी कि इस पर विवाद हो सकता है. कंगना के बयान को निजी बताते हुए बीजेपी ने बयान से किनारा कर लिया. आखिरकार विवाद बढ़ने के बाद उन्होंने अपना बयान को वापस ले लिया है.
कंगना रनौत ने कहा, ‘पिछले बीतें कुछ दिनों में मीडिया ने किसान कानून से संबंधित कुछ सवाल किया और मैंने सुझाव दिया कि किसानों को किसान कानून वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री जी से निवेदन करना चाहिए. मेरी इस बात से बहुत से लोग निराश हैं. जब ये आया था तब बहुत से लोगों ने समर्थन किया था, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री जी ने बड़े संवेदनशीलता से वापस ले लिया था. मेरे विचार अपने नहीं होने चाहिए, मेरी पार्टी का स्टैंड होना चाहिए. अगर अपनी सोच से किसी को निराश किया है तो मुझे खेद रहेगा. मैं अपने शब्द वापस लेती हूं.’
बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि बीजेपी की ओर से ऐसा बयान देने के लिए अधिकृत नहीं हैं और उनका बयान कृषि बिलों पर बीजेपी के दृष्टिकोण को नहीं दर्शाता है. वहीं, विपक्षी दलों ने इसे बीजेपी का छिपा एजेंडा बताया. कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि उनके बयान से बीजेपी का हिडेन एंजेडा सामने आ गया है. मामले पर AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि पीएम मोदी को जवाब देना चाहिए. साथ ही सरकार में सहयोगी जेडीयू ने भी कंगना के बयान का विरोध किया.
कंगना के बयान पर कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि बीजेपी की सांसद कंगना रनौत का कहना है कि तीन कृषि कानून को लागू करने का समय आ गया है. हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनी तो ये तीन काले कानून लागू करेंगे. मैं चुनौती देता हूं. हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनेगी और कोई ताकत नहीं है जो तीन काले कानूनों को फिर से लागू करवा सके.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-