अनिल मिश्र/पटना
अपनी संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना के लिए बिहार में मनायी जाने वाली जीवित्पुत्रिका व्रत अर्थात जिउतिया या जितिया के मौके पर ही बिहार राज्य के विभिन्न जगहों पर अलग-अलग जिलों में 37 बच्चों और 7 महिलाओं अर्थात मां की मौत नदी, नाले और तालाबों में नहाने के दौरान पानी में डुबने के कारण हो गई. इनमें ज्यादातर पर्व के दौरान पवित्र स्नान के लिए नदी , नाले और तालाबों में गए थे. नहाने के दौरान पानी के तेज बहाव या गहरे पानी होने के कारण हादसे का शिकार हो गए.
पूरे सूबे में 37 बच्चों और 7 महिलाओं समेत कुल 46 लोगों की मौत हुई है. डूबे लोगों में अब तक 43 शव बरामद किए जा चुके हैं. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरफ) के जवान बहे लोगों की तलाश में जुटे हैं.वहीं इस हादसे में मौत होने के कारण बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा के रूप में चार-चार लाख रुपए का नकद भुगतान भी करने का निर्देश दिया है. जिसमें अभी तक आठ लोगों को मुआवजा की राशि मिलने की सूचना प्राप्त हुआ है.
जानकारी के मुताबिक प्रदेश भर में जितिया पर्व स्नान के दौरान डूबने से 37 बच्चे, 7 महिलाएं और 2 पुरुष की मौत हुई है. डूबने की सबसे पहली घटना औरंगाबाद जिले में घटित हुई. वहां पर जिउतिया के नहाय- खाय यानी मंगलवार को नहाने के दौरान 8बच्चे की मौत हो गई. उसके बाद पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, नालंदा, कैमूर, बक्सर, सीवान, रोहतास, सारण, पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, गोपालगंज और अरवल में हुई है.
आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से एसडीआरएफ और एनडीएफआर के जवान लगातार सर्च अभियान चला रहे हैं. मृतकों के परिजनों को अनुग्रह राशि के रूप में चार लाख की राशि प्रदान की जाएगी जो राज्य सरकार द्वारा ऐसे मामलों में मुआवजा के लिए स्वीकृत है.
औरंगाबाद के बरुना थाने के इताहट गांव में चार जबकि मदनपुर थाने के कुशाहा गांव में चार बच्चों की मौत हुई है. कैमूर जिले के भभुआ और मोहनिया थाने में सात बच्चे दुर्गावती नदी और तालाब में स्नान के दौरान डूबने से मरे हैं. पटना के बिहटा थाना इलाके के अमनाबाद गांव में चार बच्चों की मौत हुई है. सारण जिले के दाउदपुर, मांझी, तरैया और मढ़ौरा में दो बच्चों समेत पांच मरे है. बाकी इस हादसे में डुबने वाले की तलाश जारी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-