जन्म कुंडली नहीं है तो क्या करें

जन्म कुंडली नहीं है तो क्या करें

प्रेषित समय :21:17:13 PM / Sat, Sep 28th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

*जब आपका बुरा समय चल रहा हो तो आपको किसी दैवज्ञ या विद्वान ज्योतिषी की सहायता लेनी पड़ेगी! कुछ लोगों की जन्म कुंडली नहीं होती, ना ही उन्हें अपने जन्म समय का अच्छी तरह से ज्ञान होता है! ऐसी दशा में कैसे पता लगाया जाए कि आप पर किस ग्रह का प्रभाव चल रहा है!*
*कुछ लक्षण ऐसे होते हैं जिनका सीधा सम्बन्ध किसी खास योग या ग्रह से होता है.*
1. जैसे कि अगर आपको अचानक धन हानि होने लगे! आपके पैसे खो जाएँ, बरकत न रहे, दमा या सांस की बीमारी हो जाए, त्वचा सम्बन्धी रोग उत्पन्न हों, कर्ज उतर न पाए, किसी कागजात पर गलत दस्तखत से नुक्सान हो तो आप समझिये कि आप पर बुध ग्रह का कुप्रभाव चल रहा है! 
इसके लिए बुधवार को किन्नरों को हरे वस्त्र दान करें और गाय को हरा चारा इसी दिन खिलाएं! 
2. अगर बुजुर्ग लोग आपसे बार बार नाराज होते हैं, जोड़ों मैं तकलीफ है, शरीर मैं जकडन या आपका मोटापा बढ़ रहा है, नींद कम है, पढने लिखने में परेशानी है किसी ब्राह्मण से वाद विवाद हो जाए अथवा पीलिया हो जाए तो समझ लेना चाहिए की गुरु का अशुभ प्रभाव आप पर पढ़ रहा है! अगर सोना गुम हो जाए पीलिया हो जाए या पुत्र पर संकट आ जाए तो निस्संदेह आप पर गुरु का अशुभ प्रभाव चल रहा है! 
ऐसी स्थिति में केसर का तिलक वीरवार से शुरू करके २७ दिन तक रोज लगायें, सामान्य अशुभता दूर हो जाएगी किन्तु गंभीर परिस्थितियों में जैसे अगर नौकरी चली जाए या पुत्र पर संकट, सोना चोरी या गुम हो जाए तो बृहस्पति के बीज मन्त्रों का जाप करें या करवाएं! तुरंत मदद मिलेगी! मंत्र का प्रभाव तुरंत शुरू हो जाता है! 
3.अगर आपको वहम हो जाए, जरा जरा सी बात पर मन घबरा जाए, आत्मविश्वास मैं कमी आ जाए, सभी मित्रों पर से विशवास उठ जाए, ब्लड प्रेशर की बीमारी हो जाए, जुकाम ठीक न हो या बार बार होने लगे, आपकी माता की तबियत खराब रहने लगे! अकारण ही भय सताने लगे और किसी एक जगह पर आप टिक कर ना बैठ सकें, छोटी छोटी बात पर आपको क्रोध आने लगे तो समझ लें की आपका चन्द्रमा आपके विपरीत चल रहा है! 
इसके लिए हर सोमवार का व्रत रखें और दूध या खीर का दान करें! 
4. अगर आपकी स्त्रियों से नहीं बनती, किसी स्त्री से धोखा या मान हानि हो जाए, किसी शुभ काम को करते वक्त कुछ न कुछ अशुभ होने लगे, आपका रूप पहले जैसा सुन्दर न रहे! लोग आपसे कतराने लगें! वाहन को नुक्सान हो जाए! नीच स्त्रियों से दोस्ती, ससुराल पक्ष से अलगाव तथा शुगर हो जाए तो आपका शुक्र बुरा प्रभाव दे रहा है!
उपाय के लिए महालक्ष्मी की पूजा करें, चीनी, चावल तथा चांदी शुक्रवार को किसी ब्राह्मण की पत्नी को भेंट करें, बड़ी बहन को वस्त्र दें, २१ ग्राम का चांदी का बिना जोड़ का कड़ा शुक्रवार को धारण करें! अगर किसी के विवाह में देरी या बाधाएं आ रही हों तो जिस दिन रिश्ता देखने जाना हो उस दिन जलेबी को किसी नदी मैं प्रवाहित करके जाएँ! इन में से किसी भी उपाय को करने से आपका शुक्र शुभ प्रभाव देने लगेगा! किसी सुहागन को सुहाग का सामन देने से भी शुक्र का शुभ प्रभाव होने लगता है! ध्यान रहे, शुक्रवार को राहुकाल में कोई भी उपाय न करें! 
5. अगर आपके मकान मैं दरार आ जाए! घर में प्रकाश की मात्रा कम हो जाए! जोड़ों में दर्द रहने लगे विशेषकर घुटनों और पैरों में या किसी एक टांग पर चोट, रंग काला हो जाए, जेल जाने का डर सताने लगे, सपनों मैं मुर्दे या शमशान घात दिखाई दे, अंकों मैं मोतिया उतर आये, गठिया की शिकायत हो जाए, परिवार का कोई वरिष्ठ सदस्य गंभीर रूप से बीमार या मृत्यु को प्राप्त हो जाए तो आप पर शनि का कुप्रभाव है जिसके निवारण के लिए
शनिवार को 1 लीटर सरसों का तेल लोहे के कटोरे में डाल कर अपना मुह उसमे देख कर किसी काले वर्ण वाले ब्राह्मण को दान में दें! ऐसा हर शनिवार करें! बीमारी की अवस्था में किसी गरीब, बीमार व्यक्ति को दवाई दिलवाएं!
6. अगर आपके बाल झड जाएँ और आपकी हड्डियों के जोड़ों मैं कड़क कड़क की आवाज आने लगे, पिता से झगडा हो जाए, मुकदमा या कोर्ट केस मैं फंस जाएँ, आपकी आत्मा दुखी हो जाए, आलसी प्रवृत्ति हो जाये तो आपको समझ लेना चाहिए की सूर्य का अशुभ प्रभाव आप पर हो रहा है!
ऐसी दशा मैं सबसे अच्छा उपाय है की हर सुबह लाल सूर्य को मीठा डालकर अर्ध्य दें! इनकम टैक्स का भुगतान कर दें व् पिता से सम्बन्ध सुधरने की कोशिश करें! 
7. आपको खून की कमी हो जाए, बार बार दुर्घटना होने लगे या चोट लगने लगे, सर मैं चोट, आग से जलना, नौकरी में शत्रु पैदा हो जाएँ या ये पता न चल सके की कौन आपका नुक्सान करने की चेष्टा कर रहा है, व्यर्थ का लड़ाई झगडा हो, पुलिस केस, जीवन साथी के प्रति अलगाव नफरत या शक पैदा हो जाए, आपरेशन की नौबत आ जाए, कर्ज ऐसा लगने लगे की आसानी से ख़त्म नहीं होगा तो आप पर मंगल ग्रह क्रुद्ध हैं!
हनुमान जी की यथासंभव उपासना शुरू कर दें! हनुमान जी के चरणो में से तिलक लेकर माथे पर प्रतिदिन लगायें, अति गंभीर परिस्थितियों में रक्त दान करें तो जो रक्त आपका आपरेशन, चोट या दुर्घटना आदि के कारण निकलता है तो वो दुर्घटना से बचाव होने के कारण नहीं होगा!

Astro nirmal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-