जन्म कुंडली में किन ग्रहों के संयोग से व्यक्ति धनवान बनता

जन्म कुंडली में किन ग्रहों के संयोग से व्यक्ति धनवान बनता

प्रेषित समय :20:20:50 PM / Mon, Sep 30th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जन्म कुंडली में किन ग्रहों के संयोग व्यक्ति को धनवान बनाते हैं....
अपार धन योग (अखंड धन योग ) धन योग 
कुंडली में अपार धन योग (अखंड धन योग) बहुत ही विशेष योग तथा संयोग के द्वारा ही बनते है..
जब ये विशेष योग तथा संयोग कुंडली में बनते है जातक तभी धनिक बन पाता है तथा उसके जीवन में धन की देवी मुस्कुराती है...
जब हम ज्योतिष में अपार धन योग अथवा अखंड धन योग के विषय मे ये op
 भ्रांति युक्त धारणा व्याप्त है कि कुंडली में त्रिकोण भाव का बली होने पर अथवा केंद्र त्रिकोण की युति बनना अपार धन योग बनाते है ...
लेकिन जब हम वास्तविक जीवन में इन योगों अथवा स्थितियों को परखते है तो हमें दूर दूर तक इनमें सच्चाई नहीं दिखती..
जितने भी धनी व्यक्ति है अथवा जिन्होंने अपार धन कमाया है या प्राप्त किया है उनकी कुंडली मे त्रिकोण भाव इतने प्रबल कभी नहीं होते क्यों कि त्रिकोण भावों के पास धन देने की शक्ति नही होती ..
कुंडली में अपार धन योग (अखंड धन योग) बहुत ही विशेष योग तथा संयोग के द्वारा ही बनते है..
जब ये विशेष योग तथा संयोग कुंडली में बनते है जातक तभी धनिक बन पाता है तथा उसके जीवन में धन की देवी मुस्कुराती है...
 कुंडली में अपार धन योग (अखंड धन योग )
जब तक किसी व्यक्ति की कुंडली में धन भाव सक्रिय नहीं होते तब तक उसे कभी धन ना तो प्राप्त होता है ना ही वह अपनी मेहनत से कभी भी धन कमा ही पाता है ..
 आइये जानते है कौनसे भाव जन्म कुंडली में धन दायक भाव होते है..
कुंडली में धन भाव:-
जन्म कुंडली में समस्त 12 भावों को क्रमशः चार भागों में बांटा गया है इनके नाम है ..
 धर्म भाव - 1 5 9 ( प्रथम , पंचम , नवम)
अर्थ भाव - 2 6 10 (अर्थ भाव,आमदनी आय भाव)
काम भाव - 3 7 10 ( सभी कर्म जो जीवन की वृद्धि में सहायक है)
 मोक्ष भाव - 4 8 12 (ये जीवन मे सुख, कष्ट , मृत्यु , मोक्ष को बताते है)
जब हम धन , आय , आमदनी तथा जीवन में कर्म अथवा बिना कर्म के धन प्राप्ति के विषय मे बात करते है तो 2 6 10 भाव आय अथवा आमदनी के तथा 3 7 11 भाव धन प्राप्ति के लिए किए गए कर्म के विषय में बताते है ...
बिना इन भावों के सक्रिय हुए अथवा बिना इन भावों के सहयोग के जातक कभी भी धनी नहीं हो सकता ..
चाहे वह अपनी मेहनत से कर्म करके धन कमाए या फिर उसे बिना मेहनत के धन प्राप्त हो या चाहे कोई पुश्तेनी धन प्राप्ति की बात ही क्यों ना हो..
कैसे बनता है कुंडली में धन योग  अखंड धनयोग
अपार धन योग (अखंड धन योग) धन योग
जैसा कि निर्धारित है कि कुंडली में 2 3 6 7 10 11 भाव हमारी मेहनत , कर्म तथा प्रतिफल रूप में आय , आमदनी तथा प्राप्ति के भाव होते है ..
जब जन्म कुंडली अधिकांश ग्रह इन भावों को प्रदर्शित करे अथवा सम्बन्धित हो तो व्यक्ति के द्वारा किये कर्म सीधे आप प्राप्ति को बताते है ..
तथा जब इन भावों से सम्बंधित सभी ग्रह दशा आंतर्दशा में दोहराए जाते है तो व्यक्ति का आर्थिक स्तर ऊपर उठता ही चला जाता है ..
उसके द्वारा किये गए सभी कार्य बहुत तेजी से आमदनी बढ़ाते है तथा व्यक्ति समय के साथ अपनी मेहनत से अपार धन प्राप्त करता ही चला जाता है ..
 पुश्तेनी धन अथवा बिना मेहनत के धन प्राप्ति :-
जब इन भावों के साथ दशा आंतर्दशा में अष्टम भाव (8th house) भी सम्मिलित होता है तो उसे धन प्राप्ति उसकी मेहनत किये बिना होती है
ये धन , विवाह में दहेज , पत्नी/पति से प्राप्त आय, पुश्तेनी आय , विरासत में मिला धन , कमीशन , चैरिटी , भीख , दान , अथवा बिज़नेस पार्टनर से प्राप्त आय के रूप में हो सकता है
दशा आंतर्दशा में सम्बन्धित ग्रह तथा उनके संयोग इसके विषय में गहनता से बताते है कि वह धन किस मार्ग से प्राप्त होगा..

Astro nirmal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-