चन्द्रमा की महादशा पर लोग बहुत कम बात करते हैं परन्तु चंद्र की महादशा इकलौती ऐसी महादशा हैं जो यदि शुभत्व देने पर आ जायें तो फिर वह गुरु के समान शुभ फल देंगी और यदि अशुभत्व पर आ जायें तो उनके कोप के आगे शनिदेव का कोप भी कमतर है.....
स्वच्छ बाल अवस्था के चंद्र की महादशा भी उत्तम जाती हैं परन्तु पीड़ित युवा अवस्था के चंद्र की महादशा भी निम्न ही जाती है....
चंद्र यदि आपके जन्मांग में अपने स्वयं, गुरु, शुक्र, बुध के नक्षत्र या फिर राशि में बलवान होकर बैठें हों तो ऐसी स्थिति में आपकी चंद्र की महादशा पूर्ण रूप से फलित होगी और आपको धन वा धर्म दोनों ही सुखो कों प्रदान करनें वाली होंगी.....
चंद्र यदि सूर्य मंगल की राशि में या फिर नक्षत्र में भी अगर बलवान होकर बैठें हों तो ऐसी स्थिति में भी आपकी चन्द्रमा की दशा कुछ छिटपुट मानसिकत वा शारीरिक परेशानियों के अतिरिक्त लगभग शुभ ही जाएगी...
परन्तु यदि यहाँ बैठें चन्द्रमा पर शनि राहु या फिर केतु आदि की दृष्टि पड़ रही हों या फिर किसी भी भांति सम्बंध बन रहें हों तो फिर आपकी महादशा मध्यम जाएगी वंही यदि इस स्थिति के चंद्र पर गुरु का सम्बंध स्थापित हों रहा हैं तो यही महादशा अति उत्तम जाएगी....
चन्द्रमा यदि आपकी जन्म कुंडलीं में निर्बल होकर शनि की राशि उनके नक्षत्र में बैठें हों या फिर राहु या केतु के नक्षत्र में बैठें हों और उनपर किन्ही सौम्य ग्रह गुरु शुक्र बुध से सम्बंध भी ना बन रहा हों तो ऐसी स्थिति में आपकी चंद्र की महादशा निन्म जाएगी ऐसी स्थिति में 25% से भी कम शुभ फलो की प्राप्ति होगी....
चंद्र के एकमात्र उपाय महादेव हैं बस उनकी सेवा कीजिये आपकों परम लाभ होगा..
चंद्र की महादशा यदि अशुभत्व पर आ जायें तो उनके कोप के आगे शनिदेव का कोप भी कमतर है!
प्रेषित समय :20:38:45 PM / Tue, Oct 1st, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर