हजारीबाग. देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झारखंड के हजारीबाग में 83300 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि आज मुझे एक बार फिर झारखंड की विकास यात्रा में सहभागी बनने का सौभाग्य मिल रहा है. कुछ ही दिन पहले मैं जमशेदपुर आया था. जमशेदपुर से मैंने झारखंड के लिए सैकड़ों करोड़ की विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया था.
प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आगे कहा कि आज पूज्य बापू की जन्म जयंती है. आदिवासी विकास के लिए उनका विजन, उनके विचार हमारी पूंजी है. गांधी जी का मानना था कि भारत का विकास तभी हो सकता है, जब जनजातीय समाज का तेज विकास हो. मुझे संतोष है कि आज हमारी सरकार आदिवासी उत्थान पर सबसे ज्यादा ध्यान दे रही है. झारखंड के हजारों गरीबों को पीएम आवास योजना के तहत अपना पक्का घर मिला था. और अब कुछ ही दिनों के भीतर आज झारखंड में 80 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण हुआ है. ये योजनाएं आदिवासी समाज के कल्याण और उत्थान से जुड़ी हैं. पीएम मोदी ने कहा कि इसका लाभ देश के 5 करोड़ से ज्यादा आदिवासी भाई-बहनों को मिलेगा. झारखंड के आदिवासी समाज को भी इसका बहुत बड़ा फायदा होगा. मुझे खुशी है कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरुआत भगवान बिरसा मुंडा की धरती से हो रही है. भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती के दिन यहां झारखंड से ही पीएम-जनमन योजना भी लॉन्च हुई थी. अगले महीने 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस पर हम पीएम-जनमन योजना की पहली वर्षगांठ मनाएंगे. इस योजना के जरिए आज देश के उन आदिवासी इलाकों में भी विकास पहुंच रहा है जो सबसे पीछे छूट गए थे.
आज यहां पीएम-जनमन योजना के तहत भी करीब साढ़े 1300 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का शिलान्यास हुआ है. अभी मैंने यहां धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान कार्यक्रम का शुभारंभ किया है. इस योजना पर करीब 80 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत करीब 550 जिलों में 65000 आदिवासी बहुल गांवों का विकास करने का अभियान चलाया जाएगा. कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर झारखंड के साथ सौतेले व्यवहार का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को यह बताना चाहिए कि राज्य की बकाया 1.36 लाख करोड़ रुपये की राशि क्यों नहीं जारी की जा रही है. जयराम रमेश ने पोस्ट करते हुए पूछा कि आज जब प्रधानमंत्री झारखंड में हैं तब उन्हें इन सवालों के जवाब ज़रूर देने चाहिए. वह झारखंड का बकाया 1.36 लाख करोड़ क्यों नहीं जारी कर रहे हैं. प्रधानमंत्री झारखंड के 8 लाख लोगों को घर देने के अपने वादे को पूरा क्यों नहीं कर रहे हैं. वे इंजीनियरिंग कॉलेज कहां हैं जिनका प्रधानमंत्री ने 2014 में वादा किया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-