नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने आज 1998 में बिहार के मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या के मामले में पूर्व सांसद सूरज भान सिंह को बरी कर दिया जबकि 2 आरोपियों को दोषी ठहराया है. दोनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने सभी आठ आरोपियों को बरी कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुन्ना शुक्ला और मंटू तिवारी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अपने फैसले में दोनों को 15 दिन के भीतर सरेंडर करने को कहा है. साथ ही पूर्व सांसद सूरज भान सिंह, राजन तिवारी सहित 6 लोगों को बरी करने का फैसला सुनाया है.
बिहार के विज्ञान एवं प्राद्यौगिकी मंत्री बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड मामले में पटना हाई कोर्ट ने साल 2014 में सबूतों के अभाव में सभी आठ आरोपियों को बरी कर दिया था.हाईकोर्ट ने अपने फैसले में जनता दल यूनाइडेट के नेता और पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला, पूर्व सांसद सूरज भान, पूर्व विधायक राजन तिवारी समेत आठ लोगों को इस मामले में बरी किया था.
आरोपियों को बरी करने के फैसले को मंत्री की पत्नी रमा देवी और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने इन लोगों की अपील पर 22 अगस्त को सुनवाई पूरी की थी और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. निचली अदालत ने लंबी सुनवाई के बाद आठ आरोपियों को साल 2009 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, लेकिन मामला जब हाई कोर्ट पहुंचा तो वहां पर आरोपियों को बरी कर दिया गया. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने फैसले में छह आरोपियों को बरी करते हुए दो को दोषी माना और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुना दी.
बता दें 13 जून 1998 को बिहार के तत्कालीन विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की हत्या कर दी गई थी. राजधानी पटना के इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में कड़ी सुरक्षा के बीच यूपी के माफिया डॉन श्रीप्रकाश शुक्ला ने एके-47 से ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर उन्हें मार दिया था.