अभिमनोज
सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट की ओर से विधवा और मेकअप सामग्री से जुड़ी एक टिप्पणी को अत्यधिक आपत्तिजनक बताते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि- इस तरह की टिप्पणियां अदालत से अपेक्षित संवेदनशीलता और तटस्थता के अनुरूप नहीं हैं.
खबर है कि.... यह आपत्तिजनक टिप्पणी वर्ष 1985 के हत्या के एक मामले के मद्देनजर की गई थी, जिसमें एक महिला का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी गई थी.
खबरों की मानें तो.... पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में पांच लोगों की दोषसिद्धि को बरकरार रखा था और दो अन्य सह-आरोपियों को बरी करने के ट्रायल कोर्ट के निर्णय को रद्द कर दिया था.
इसके बाद इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि जांच अधिकारी ने सिवाय कुछ मेकअप सामग्री के महिला के घर से कोई ठोस सबूत नहीं जुटाया था.
इसी पर हाईकोर्ट ने टिप्पणी की थी कि- क्योंकि घर में एक विधवा महिला भी रहती थी, इसलिए मेकअप सामग्री उसकी नहीं हो सकती थी, क्योंकि विधवा होने के कारण उसे मेकअप करने की आवश्यकता नहीं थी.
सुप्रीम कोर्ट ने इस टिप्पणी को गैर-कानूनी और अत्यधिक आपत्तिजनक बताया और कहा कि ऐसी टिप्पणियाँ न्यायपालिका की तटस्थता के अनुकूल नहीं हैं, खासकर जब कोई साक्ष्य इसका समर्थन न करे.
अदालत का कहना था कि- पीड़िता के कपड़े, चप्पल जैसी कोई निजी चीज़ें घर से नहीं मिलीं, इस मामले में कोई प्रत्यक्ष साक्ष्य नहीं था जिससे साबित हो सके कि आरोपियों ने हत्या की थी.
इसी आधार पर, सुप्रीम कोर्ट ने सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया और आदेश दिया कि यदि वे हिरासत में हैं, तो उन्हें तुरंत रिहा किया जाए!
सुप्रीम कोर्ट ने विधवा और मेकअप सामग्री से जुड़ी टिप्पणी को 'अत्यधिक आपत्तिजनक' बताया, नाराजगी व्यक्त की!
प्रेषित समय :21:44:05 PM / Thu, Sep 26th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर