हाईकोर्ट ने डीजीपी-प्रमुख सचिव को कहा, कैबिनेट से समन्वय नहीं तो नौकरी छोड़ दें, डीएसपी की पदोन्नति मामले में सुनवाई, 16 अक्टूबर तक जबाव मांगा

हाईकोर्ट ने डीजीपी-प्रमुख सचिव को कहा, कैबिनेट से समन्वय नहीं तो नौकरी छोड़ दें

प्रेषित समय :16:27:29 PM / Sat, Oct 5th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी हाईकोर्ट ने डीएसपी की पदोन्नति मामले में सुनवाई करते हुए डीजीपी व प्रमुख सचिव को कहा है कि कैबिनेट से कोआर्डिनेशन नहीं है तो छोड़ दें नौकरी. इस मामले की अगली सुनवाई 16 अक्टूबर को होगी, जिसमें जबाव पेश करने के लिए कहा गया है.

भोपाल में 1995-96 में  लग्जरी कार चोरी की वारदातें लगातार हो रही थी. मामले में पुलिस ने गैंग के एक सदस्य को गिरफ्तार किया था. जिसने पूछताछ में बताया कि चोर गिरोह एमपी का नहीं बल्कि यूपी का है. जो भोपाल व आसपास के जिलों में सक्रिय है. चोरी की गई लग्जरी कारें यूपी में बेची जा रही है. पूछताछ के बाद मध्यप्रदेश पुलिस की चार सदस्यीय टीम उत्तर प्रदेश के जिला जियानपुर पहुंची. जहां पर यूपी पुलिस ने मदद करने की बजाय एमपी पुलिस को ही एक युवक की हत्या के मामले में पकड़ लिया. हालांकि 24 घंटे बाद एमपी पुलिस के सभी लोग रिहा कर दिए गए. वे बिना चोर को पकड़े वापस भोपाल आ गए. इस दौरान यूपी पुलिस ने टीम को लीड कर रहे है तत्कालीन टीआई विजय पुंज सहित चार लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया था. जिसके बाद से अभी तक विजय पुंज के खिलाफ जांच चल रही है. यही कारण है कि उनका प्रमोशन रुका हुआ है. जिसके खिलाफ उन्होंने सामान्य प्रशासन व गृह विभाग के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि 1996 से 2024 लगभग 28 साल हो गए है. लेकिन सरकार ने प्रमोशन पर विचार नहीं किया. केस अभी पेंडिंग में रखा हुआ है, जबकि कुछ दिनों बाद रिटायरमेंट होना है. मामले पर 14 मार्च 2024 को सुनवाई हुई तो हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि 60 दिनों में सील बंद लिफाफा खोला जाए. इसके बाद भी जब गृह व सामान्य प्रशासन विभाग ने इस और ध्यान नहीं दिया तो 1 अक्टूबर को फिर से सुनवाई हुई. पुलिस अधिकारी विजय पुंज ने गृह विभाग के द्वारा प्रमोशन पर रोक लगाए जाने के चलते हाईकोर्ट में 2023 में याचिका दायर की. मामले पर 4 अक्टूबर को जस्टिस डीडी बंसल की कोर्ट में सुनवाई हुई. शासन की तरफ से पैरवी कर रहे वकील मानस मनी वर्मा ने हाईकोर्ट को बताया कि विजय कुंज के खिलाफ जो मामला चल रहा था उसकी जांच हो चुकी है. जांच रिपोर्ट एक सील बंद लिफाफे में है और यह लिफाफा विभागीय जांच कर रहे अधिकारियों के सामने खोला जाना है लेकिन इसमें राज्य सरकार की कैबिनेट की मंजूरी चाहिए. इस मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अप्रैल महीने में ही आदेश जारी कर दिए थे कि सील बंद लिफाफा खोलकर विजय पुंज का प्रमोशन किया जाए. हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद जब गृह विभाग और सामान्य प्रशासन विभाग ने पालन नहीं किया तो सुनवाई में जस्टिस डीडी बंसल ने प्रिंसिपल सेक्रेटरी व डीजीपी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर सकते है को नौकरी छोड़ दो. याचिकाकर्ता के वकील मोहन चंसौरिया ने बताया कि एक पुलिस ऑफिसर जो कि अपनी ड्यूटी को सर्वोपरि मानते हुए जान जोखिम में डालकर चोरों को पकडऩे जाते है. वहां पर पड़ोसी राज्य की पुलिस मदद करने की बजाय उल्टा उनके खिलाफ ही केस दर्ज करती है. इसके बाद जब जैसे-तैसे पुलिस अधिकारी मध्यप्रदेश आते हैं तो विभाग उनके खिलाफ ही कार्रवाई करता है. अधिवक्ता मोहन चंसौरिया ने कोर्ट को बताया कि जल्द ही उनका रिटायरमेंट होना है. ऐसे में अगर पदोन्नति नहीं मिलती है तो उनके साथ यह ठीक नहीं होगा. हाईकोर्ट ने इस मामले पर 16 अक्टूबर को सुनवाई नियत की है. गौरतलब है कि विजय पुंज इसी माह की 31 तारीख को रिटायर हो रहे हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-