नई दिल्ली. मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू पांच दिनों के दौरे पर भारत पहुंच गये हैं, जहां वो प्रधानमंत्री मोदी के साथ सोमवार को होने वाली द्विपक्षीय बैठक में राहत पैकेज की मांग कर सकते हैं, क्योंकि द्वीपीय देश आर्थिक संकट से जूझ रहा है और कर्ज न चुकाने के चलते उसके डिफॉल्ट करने की आशंका है।
पिछले साल के अंत में इंडिया ऑउट नीति पर केंद्रित चुनावी अभियान के बाद सत्ता में आने के बाद मुइज्जू की यह पहली आधिकारिक द्विपक्षीय यात्रा है, जिसमें उन्होंने दिल्ली के प्रभाव को कम करने का वादा किया था। तब से, दोनों देशों के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह यात्रा दर्शाती है कि मालदीव अपने विशाल पड़ोसी की अनदेखी नहीं कर सकता। सितंबर में मालदीव का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 440 मिलियन डॉलर था, जिससे वो सिर्फ 45 दिनों के लिए सामानों का आयात कर सकता है।
पिछले महीने, वैश्विक एजेंसी मूडीज ने मालदीव की क्रेडिट रेटिंग को घटाते हुए कहा था, कि डिफॉल्ट जोखिम काफी बढ़ गया है। भारतीय बेलआउट से मालदीव के विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ावा मिलेगा और उसके डिफॉल्ट करने की संभावना भी कम हो जाएगी। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू अपनी पत्नी साजिदा मोहम्मद और मालदीव सरकार के अधिकारियों के एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत पहुंचे हैं। और सोमवार को आधिकारिक तौर पर उनका स्वागत किया जाएगा।
6-10 अक्टूबर तक चलने वाली अपनी यात्रा के दौरान, मुइज्जू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और अन्य शीर्ष मंत्रियों से मुलाकात करेंगे और विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे। राष्ट्रपति की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कई समझौतों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है, जिससे द्विपक्षीय सहयोग बढ़ सकता है।
Source : palpalindia
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प्रेषित समय :18:45:01 PM / Sun, Oct 6th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर