नई दिल्ली. दिल्ली में दस दिनों के अंदर करीब 8 हजार करोड़ रुपये कीमत की अवैध ड्रग्स बरामदी ने देश में ड्रग माफिया के बढ़ते नेटवर्क का भंडाफोड़ कर दिया है. इंटरनेशनल ड्रग सिंडिकेट के इंडियन मार्केट में दखल से हड़कंप मची हुई है. दरअसल, पुलिस का दावा है कि अफगानी नागरिक जो कि ड्रग सप्लाई में शामिल रहा, उसका सीधे तौर पर कोलंबियाई कार्टेल से संबंध है.
1 और 10 अक्टूबर 2024 को दिल्ली में ड्रग्स की बड़ी खेप पुलिस ने जब्त किया है. दिल्ली के इतिहास में अबतक की यह सबसे बड़ी बरामदगी है. पहली बार 5820 करोड़ रुपये तो दूसरी बार 2000 करोड़ रुपये से अधिक के कोकीन ड्रग्स दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने बरामद किया है.
नार्को-टेरर से जुड़ा है गिरोह
इस ड्रग्स नेटवर्क का भारत में संचालन कथित तौर पर दक्षिण दिल्ली से किया जाता था. इसको अफगानी नागरिक आपरेट करता था. अफगानिस्तानी तस्करों का मेक्सिको और कोलंबियन कार्टेल के साथ सीधा संबंध है. यह कार्टेल, नार्को-टेरर से जुड़ा हुआ है. मेक्सिकन या कोलंबियन कार्टेल्स, ड्रग्स तस्करी और आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त रहते हैं. टेरर फंडिंग को यह बढ़ावा देते हैं. आतंकियों के स्लीपर सेल और अन्य नेटवर्क का इस्तेमाल यह अपने ड्रग्स नेटवर्क को बढ़ाने में करते हैं.
कोलंबियन कार्टेल का हाथ?
दिल्ली में हुई ड्रग्स की बरामदगी का सीधा संबंध कोलंबियन कार्टेल से है. ड्रग्स की यह बड़ी खेप कोलंबियन कार्टेल ने सप्लाई की थी. इन्होंने ही अफगानी तस्करों के नेटवर्क से भारत में ड्रग्स सप्लाई की थी.
काले कारोबार में क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग
ड्रग्स कार्टेल, कथित तौर पर अपने नेटवर्क के लिए लेनदेन में क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग करते हैं. यह इसलिए क्योंकि ड्रग्स तस्करी से जुड़े फाइनेंशियल फ्लो को लॉ एनफोर्समेंट भी ट्रैक करने में काफी मुश्किलों का सामना करते हैं. इस तरह के कैश फ्लो को ट्रैक करना काफी मुश्किलों वाला है.
हाई प्रोफाइल पार्टियों से लेकर यूथ तक नेटवर्क में पहुंचता ड्रग्स
भारत की हाई प्रोफाइल पार्टियां हो या यूथ, हर व्यक्ति तक नेटवर्क अपने लोगों को शामिल कराकर ड्रग्स की सप्लाई आसानी से करता है. नेटवर्क के लिए हाई प्रोफाइल पार्टियां और यूथ के जमावड़ा वाले प्लेस, एक बड़े संभावनाओं वाला मार्केट है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-