जर्मनी. जर्मनी में एक लेस्बियन नाटक के दौरान दर्शकों को उल्टी, मतली और चक्कर आने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिसके बाद 18 लोगों ने चिकित्सा सहायता ली. इस नाटक में लेस्बियन सेक्स, असली खून और नग्न रोलर-स्केटिंग करती नन जैसे दृश्य दिखाए गए थे.
एक फिल्म या नाटक देखकर डरना स्वाभाविक है. हम उस दृश्य से कितना जुड़ते हैं, उसके अनुसार ही दर्शक पर इस तरह के अनुभव का असर होता है, लेकिन जर्मनी में एक लेस्बियन नाटक देखकर लगभग 18 लोगों ने चिकित्सा सहायता ली, ऐसी खबर सामने आ रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, लेस्बियन सेक्स, असली खून, नग्न रोलर-स्केटिंग करती नन जैसे दृश्यों वाला नाटक देखकर लगभग 18 लोगों ने चिकित्सा सहायता ली.
संगीतकार पॉल हिंदेमिथ द्वारा रचित संकटा सुज़ाना नामक रेडिकल नारीवादी ओपेरा के दर्शकों को उल्टी, मतली, चक्कर आने जैसी शारीरिक परेशानी हुई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. यह घटना 5 अक्टूबर को जर्मनी के स्टटगार्ट में हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि 3 नवंबर तक चलने वाले ओपेरा के 7 शो अभी बाकी हैं.
यह एकल ओपेरा 1921 में शुरू हुआ था. 100 साल बाद, इसे अब पहली बार प्रस्तुत किया जा रहा है. असली यौन क्रियाएं, दर्दनाक स्टंट, असली और नकली खून, शरीर पर घाव और इंजेक्शन जैसे दृश्य जब मंच पर प्रस्तुत किए गए, तो कुछ दर्शकों को असहजता महसूस हुई. 18 लोगों ने अस्वस्थता जताई और इनमें से तीन ने डॉक्टर की मदद ली.
फ्लोरेंटीना होल्जि़ंगर नामक एक्सट्रीम परफॉर्मेंस आर्टिस्ट इस विवादास्पद ओपेरा के निर्माण के पीछे हैं. डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, ओपेरा संचालकों ने कहा कि दर्शकों को हुई परेशानी के लिए वे जिम्मेदार नहीं हैं. ओपेरा में, मुख्य पात्र सुज़ाना अपनी कामुकता की खोज करती है और फिर आगे की घटनाएं घटती हैं. ओपेरा के कला निर्देशक विक्टर शोनर ने कहा कि सीमाओं का पता लगाकर और खुशी-खुशी उन्हें पार करके, इस प्रदर्शन ने कला के मुख्य मिशन को पूरा किया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-