नवनाथों की कृपा से धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष को प्राप्त करने में समर्थ करने वाला शक्तिशाली मन्त्र

नवनाथों की कृपा से धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष को प्राप्त करने में समर्थ करने वाला शक्तिशाली मन्त्र

प्रेषित समय :19:11:00 PM / Sat, Oct 12th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

ॐ नमो आदेश गुरु की. ॐकारे आदि-नाथ, उदय-नाथ पार्वती. सत्य-नाथ ब्रह्मा. सन्तोष-नाथ विष्णुः, अचल अचम्भे-नाथ. गज-बेली गज-कन्थडि-नाथ, ज्ञान-पारखी चौरङ्गी-नाथ. माया-रुपी मच्छेन्द्र-नाथ, जति-गुरु है गोरख-नाथ. घट-घट पिण्डे व्यापी, नाथ सदा रहें सहाई. नवनाथ चौरासीसिद्धों की दुहाई. ॐ नमो आदेश गुरु की..”.

विधिः-
पूर्णमासी से जप प्रारम्भकरे. जप के पूर्व चावल की नौ ढेरियाँ बनाकर उन पर ९ सुपारियाँमौली बाँधकर नवनाथों के प्रतीक-रुप में रखकर उनका षोडशोपचार-पूजन करे. तब गुरु, गणेश और इष्ट का स्मरण कर आह्वान करे. फिर मन्त्र-जप करे. प्रतिदिन नियत समय और निश्चित संख्या में जप करे. ब्रह्मचर्य से रहे, अन्य के हाथों का भोजन या अन्य खाद्य-वस्तुएँ ग्रहण न करे. स्वपाकी रहे. इस साधना से नवनाथों की कृपा से साधक धर्म-अर्थ-काम-मोक्ष को प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है. उनकी कृपा से ऐहिक और पारलौकिक-सभी कार्य सिद्ध होते हैं.विशेषः-‘शाबर-पद्धति’ से इस मन्त्र को यदि ‘उज्जैन’ की ‘भर्तृहरि-गुफा’ में बैठकर ९ हजार या ९ लाख की संख्या में जप लें, तोपरम-सिद्धि मिलती है और नौ-नाथ प्रत्यक्ष दर्शन देकर अभीष्ट वरदान देते हैं. 

नवनाथ कृपा  प्राप्ति मन्त्र
ओन्कार आदिनाथ उदयनाथ पार्वति
सत्य नाथ ब्रह्मा सन्तोश नाथ विशणु
अचल अचम्भे नाथ गजबेली गज कन्थडी नाथ
गयान पारखि चोरन्गि नाथ माया रुपि दादा मच्छन्दर नाथ
यति गुरु है गोरखनाथ घट घट पिण्डे व्यापि
नाथ सदा रहे साहाइ नव नाथ चोरासि सिदौ कि दुहाई………..
यह मन्त्र नाथ सम्प्र्दय का सबसे शक्तिशलि व सम्मान्नीय मन्त्र है..
इस मन्त्र के प्रभाव से घर मे हर प्रकार कि सम्पन्नता बढ़ती है
मन मे जो भी सोच कर आप इस मन्त्र का जाप करेन्गे वहि कार्य आपका पुर्ण
होगा ..
.परिवार प्रेम बढ़ाने का मन्त्र
मन्त्रः-
“जेहि के जेहि पर सत्य सनेहू .
सो तेहि मिलइ न कछु सन्देहू ..”
मन्त्र की प्रयोग विधि और लाभः-
शुक्रवार वाले दिन से स्फटिक की माला पर १००० मन्त्र प्रतिदिन जपते हुए ५१ दिन पूर्ण करें . इसके पश्चात् यदि सम्भव हो, तो इस मन्त्र के १०८ जप नित्य प्रति करते रहें .
इस प्रकार से कुटुम्ब में प्रेम बढ़ता है और स्पष्ट है कि पूरे परिवार में प्रेम व एकता होगी तो संसार का कोई भी कार्य सरलता से होता है .……
श्री नवग्रह तांत्रिक मंत्र:
सभी प्रकार की पूजा में नवग्रहों की पूजा प्राय अच्छे साधक अपनी साधना श्री गणेश और नवग्रह पूजन व साधना से ही आरंभ करते हैं, फिर निश्चिंत होकर आगे चलते जाते हैं. नवग्रह साधना प्रायः दो सप्ताह में पूर्ण हो जाती है. शनि या राहु केतु से आरंभ करें. शनिवार के दिन से फिर रवि, सोम, मंगल, बुध, वृहस्पति, शुक्र और वापस शनिवार को उक्त तीन उग्रग्रहों में से एक या दो की कर लें. पुनः शेष ग्रहों का जप दिनानुसार पूर्ण करता जाए. इससे समान रूप से सभी ग्रहों की समान रूप से शांति हो जाती है.
प्रत्येक ग्रह का सामान्य पंचोपचार पूजन कर इन्हीं मंत्रों का निश्चित संख्यानुसार जप कर लें. माला रूद्राक्ष की, बृहस्पति में चंदन, चंद्रमा में चंदन की, शेष में रूद्राक्ष है. प्रत्येक ग्रह का दिन के अनुसार आधा-आधा जप दो बार (दो सप्ताह) में पूर्ण कर लें. हर बार हवन करता जाए, तो इससे वर्ष भर की ग्रह शांति हो जाती है. अधिक समय तक भी इसका प्रभाव बना रह सकता है. ग्रहों के विषय में इतनी भी चिंता आवश्यक नहीं है, जितना भय दिखाया गया है.
बाजार से नवग्रहों का एक चित्र तथा नवग्रह पूजन की सामग्री ले आएं, जो कम से कम दो बार पूजन के काम आ सके. प्रथम सप्ताह आधी, फिर दूसरे सप्ताह आधी प्रयोग कर लें.
केतु साधना — शनिवार के दिन पहली पूजा केतु की करके जप कर लें. अगले शनिवार पुनः केतु साधना करके जप कर लें. कर सकें, तो दिन भर में सायंकाल तक एक ही दिन में पूर्ण करके हवन कर लें या दूसरे शनिवार के साथ हवन करें. तत्पश्चात प्रसाद बांट दें.
राहु — पूर्वोक्त मंत्र से शनिवार के दिन ही राहु की पूजा चित्र पर करके इसका भी पूर्वानुसार जप और हवन कर लें. जप से सारे दोष स्वयं मिट जाते हैं. अधिक प्रपंच में पड़ने से कठिनाई अधिक है. सरल विधान ही ठीक रहता है. तत्पश्चात प्रसाद बांट दें.
शनि — अगले शनिवार को शनिदेव के चित्र पर शनि पदार्थों से पूजा करके शनि का भी जप एक या दो शनिवार में पूर्ण कर हवन कर दें और प्रसाद बांट दें.
सूर्य — रविवार के दिन सूर्यदेव की पूजा करके उनका भी जप एक या दो रविवार में पूरा करके हवन करके प्रसाद बांट दें. पूजा लाल पदार्थों से करें, हवन में थोड़ी सूर्य पूजा सामग्री मिला लें. यही विधि सभी ग्रहों के हवन में करनी होगी.
चंद्र — सोमवार को चंद्रमा की पूजा जप हवन करके एक या दो सेमवार में वही जप पूर्ण करके बच्चों में प्रसाद बांट दें. गरीबों में दे दें.
मंगल — मंगलवार के दिन मंगल की पूजा हवन पूरा करके प्रसाद बांट दें.
बुध — बुधवार के दिन बुधमंत्र से पूजा कर बुध का हवन कर दें.
गुरु — बृहस्पतिवार को गुरु की पूजा जप हवन करके प्रसाद बांट दें,
शुक्र — शुक्रवार के दिन शुक्रमंत्र से शुक्र पूजा जप हवन कर प्रसाद बांट दें, हो गई नवग्रह साधना.
फल – स्वयं किया हुआ जप हवन दूसरे के द्वारा किए हुए से ६ गुना अधिक फल देता है.

तंत्र विज्ञान में हर समस्या का समाधान
व्यक्ति आम हो या खास, समस्या सबके पीछे रहती हैं. हम लोग छोटे-छोटे उपाय जानते हैं पर उनकी विधिवत जानकारी के अभाव में उनके लाभ से वंचित रह जाते हैं. कोई इंसान अपनी किसी इच्छा की पूर्ति के लिए कोशिशें कर के हार जाता है तो फिर वह मंदिरों में जाकर मन्नतें मांगता है. इस तरह वह पैसों व समय दोनों का नुकसान उठाता है. फिर भी वह निश्चयपूर्वक नहीं कह सकता कि उसकी मनोकामना पूरी हो ही जाएगी. लेकिन तंत्र विज्ञान मे कुछ ऐसे टोटके हैं जिन्हे अपनाकर आप निश्चित ही अपनी सारी मनोकामनाओं को पूर्ण कर सकते हैं. इनकी जानकारी निम्न है.
* आँखों में यदि काला मोतिया हो जाए तो ताम्बे के पात्र में जल लेकर उसमें ताम्बे का सिक्का व गुड डालकर प्रतिदिन सूर्य को अर्ध्य दें. यह उपाय शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार से शुरू कर चौदह रविवार करें. अर्ध्य देते समय रोग से मुक्ति की प्रार्थना करते रहें. इसके अतिरिक्त पांच प्रकार के फल लाल कपडे में बांधकर किसी भी मन्दिर में दें. यह उपाय निष्ठापूर्वक करें, लाभ होगा.
* नौकरी न मिल रही हो तो मन्दिर में बारह फल चढ़ाएं. यह उपाय नियमित रूप से करें और इश्वर से नौकरी मिलने की प्रार्थना करें.
* विवाह योग्य वर या कन्या के शीघ्र विवाह के लिए घर के मन्दिर में नवग्रह यन्त्र स्थापित करें. जिनकी नई शादी हो, उन्हें घर बुलाएं, उनका सत्कार करें और लाल वस्त्र भेंट करें उन्हें भोजन या जलपान कराने के पश्चात सौंफ मिस्री जरूर दें. यह सब करते समय शीघ्र विवाह की कामना करें. यह उपाय शुक्ल पक्ष के मंगलवार को करें, लाभ होगा.
* व्यापार मंदा हो तथा पैसा टिकता न हो, तो नवग्रह यन्त्र और धन यन्त्र घर के मन्दिर में शुभ समय में स्थापित करें. इसके अतिरिक्त सोलह सोमवार तक पांच प्रकार की सब्जियां मन्दिर में दें और पंचमेवा की खीर भोलेनाथ को मन्दिर में अर्पित करें. सभी कामनाएं पूरी होंगी.
*बच्चे पढ़ते न हों तो उनकी स्टडी टेबल पर शुभ समय में सरस्वती यन्त्र व कुबेर यन्त्र स्थापित करें. उनके पढने के लिये बैठने से पहले यंत्रों के आगे शुभ घी का दीपक तथा गुलाब की अगरबत्ती जलाएं. पढ़ते समय उनका मुंह पूर्व की ओर होना चाहिय. यह उपाय करने के बच्चों का मन पढ़ाई में लगने लगेगा और पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद उन्हें मनोवांछित काम भी मिल जायेगा.
*समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति के लिये कबूतरों को चावल मिश्रित डालें, बाजरा शुक्रवार को खरीदें व शनिवार से डालना शुरू करें.
*शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार या बुधवार को चमकीले पीले वस्त्र में शुद्ध कस्तूरी लपेटकर अपने धन रखने के स्थान पर रखें, घर में सुख-समृद्धी आयेगी.
* परेशानियां दूर करने व कार्य सिद्धि हेतु शनिवार को प्रातः, अपने काम पर जाने से पहले, एक नींबू लें. उसके दो टुकड़े करें. एक टुकड़े को आगे की तरफ फेंके, दूसरे को पीछे की तरफ. इन्हें चौराहे पर फेंकना है. मुख भी दक्षिण की ओर हो. नींबू को फेंक कर घर वापिस आ जाएं, या काम पर चले जाएं. दिन भर काम बनते रहेंगे तथा परेषानियां भी दूर होंगी.
* काम या यात्रा पर जाते हुए, एक नारियल लें. उसको हाथ में ले कर, ११ बार श्री हनुमते नमः कह कर, धरती पर मार कर तोड़ दें. उसके जल को अपने ऊपर छिड़क लें और गरी को निकाल कर बांट दें तथा खुद भी खाएं, तो यात्रा सफल रहेगी तथा काम भी बन जाएगा.
* अगर आपको किसी विशेष काम से जाना है, तो नीले रंग का धागा ले कर घर से निकलें. घर से जो तीसरा खंभा पड़े, उस पर, अपना काम कह कर, नीले रंग का धागा बांध दें. काम होने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी. हल्दी की ७ साबुत गांठें, ७ गुड़ की डलियां, एक रुपये का सिक्का किसी पीले कपड़े में बांध कर, रेलवे लाइन के पार फेंक दें. फेंकते समय कहें काम दे, तो काम होने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी.
* धन के लिए एक हंडियां में सवा किलो हरी साबुत मूंग दाल या मूंगी, दूसरी में सवा किलो डलिया वाला नमक भर दें. यह दो हंडियां घर में कहीं रख दें. यह क्रिया बुधवार को करें. घर में धन आना शुरू हो जाएगा.
* मिर्गी के रोग को दूर करने के लिए अगर गधे के दाहिने पैर का नाखून अंगूठी में धारण करें, तो मिर्गी की बीमारी दूर हो जाती है.
* भूत-प्रेत और जादू-टोना से बचने के लिए मोर पंख को अगर ताबीज में भर के बच्चे के गले में डाल दें, तो उसे भूत-प्रेत और जादू-टोने की पीड़ा नहीं रहती.
* परीक्षा में सफलता हेतु गणेश रुद्राक्ष धारण करें. बुधवार को गणेश जी के मंदिर में जाकर दर्शन करें और मूंग के लड्डुओं का भोग लगाकर सफलता की प्रार्थना करें.
* पदोन्नति हेतु शुक्ल पक्ष के सोमवार को सिद्ध योग में तीन गोमती चक्र चांदी के तार में एक साथ बांधें और उन्हें हर समय अपने साथ रखें, पदोन्नति के साथ-साथ व्यवसाय में भी लाभ होगा.
* मुकदमे में विजय हेतु पांच गोमती चक्र जेब में रखकर कोर्ट में जाया करें, मुकदमे में निर्णय आपके पक्ष में होगा.
* पढ़ाई में एकाग्रता हेतु शुक्ल पक्ष के पहले रविवार को इमली के २२ पत्ते ले आएं और उनमें से ११ पत्ते सूर्य देव को ¬ सूर्याय नमः कहते हुए अर्पित करें. शेष ११ पत्तों को अपनी किताबों में रख लें, पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी.
* धन लाभ के लिए शनिवार की शाम को माह (उड़द) की दाल के दाने पर थोड़ी सी दही और सिंदूर डालकर पीपल के नीचे रख आएं. वापस आते समय पीछे मुड़कर नहीं देखें. यह क्रिया शनिवार को ही शुरू करें और 7 शनिवार को नियमित रूप से किया करें, धन की प्राप्ति होने लगेगी.
* संपत्ति में वृद्धि हेतु किसी भी बृहस्पतिवार को बाजार से जलकुंभी लाएं और उसे पीले कपड़े में बांधकर घर में कहीं लटका दें. लेकिन इसे बार-बार छूएं नहीं. एक सप्ताह के बाद इसे बदल कर नई कुंभी ऐसे ही बांध दें. इस तरह 7 बृहस्पतिवार करें. यह निच्च्ठापूर्वक करें, ईश्वर ने चाहा तो आपकी संपत्ति में वृद्धि होगी.
21 भगवान शिव ‘हर’ नाम से भी पूजनीय है. जिसके पीछे धार्मिक आस्था से यही भाव है कि शिव भक्त की पुकार पर उसकी सभी कष्ट व पीड़ाओं को हर यानी हरण कर लेते हैं. पौराणिक प्रसंग भी उजागर करते हैं कि चाहे वह समुद्र मंथन से निकले हलाहल यानी विष को पीने की बात हो या स्वर्ग से उतरी देव नदी गंगा के वेग को थामने के लिए उसे अपनी जटाओं में स्थान देने की बात, शिव ने संसार के संकटों को कल्याण भाव से हर लिया.
यही कारण है कि सांसारिक जीवन में हर परेशानियों से मुक्ति या कामनासिद्धि के लिए हर यानी शिव का ध्यान बहुत ही मंगलकारी माना जाता है. शिव उपासना की विशेष घडिय़ों में सोमवार का दिन बहुत शुभ है.
सोमवार की मंगल घड़ी में अगर नीचे लिखे सरल मंत्र से शिवलिंग की सामान्य पूजा भी करें तो यह पीड़ा व कष्टों से जल्द निजात दिलाने वाला उपाय माना गया है. जानते हैं विशेष शिव मंत्र, जिसमें शिव की अद्भुत महिमा व स्वरूप की वंदना है –
– सोमवार को स्नान के बाद स्वच्छ व सफेद वस्त्र पहन शांत मन से शिवालय या घर पर स्फटिक या धातु से बनी शिवलिंग को खासतौर पर शांति की कामना से दूध व शुद्ध जल से स्नान कराएं.
– शिव को सफेद चंदन, वस्त्र, अक्षत, बिल्वपत्र, सफेद आंकड़े के फूल व श्रीफल यानी नारियल पंचाक्षरी मंत्र ऊँ नम: शिवाय बोलते हुए चढाएं व पूजा के बाद नीचे लिखे शिव का श्रद्धा से स्मरण या जप करें –
शिवो गुरु: शिवो देव: शिवो बन्धु: शरीरिणाम्. शिव आत्मा शिवो जीव: शिवादन्यन्न किञ्चन..
इसमें शिव की महिमा है कि शिव से अलग कुछ भी नहीं है, यानी शिव ही गुरु है, शिव देव हैं, शिव सभी प्राणियों के बन्धु हैं, शिव ही आत्मा है और शिव ही जीव हैं.
– इस मंत्र स्मरण व पूजा के बाद दूध की मिठाई का भोग लगा शिव की आरती धूप, दीप व कर्पूर से करें. प्रसाद ग्रहण कर सुकूनभरे जीवन की कामना से सिर पर शिव को अर्पित सफेद चंदन लगाएं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-