वक्फ बिल पर JPC की मीटिंग में बवाल, TMC सांसद ने बोतल फोड़ी, हुए चोटिल, एक दिन के लिए सस्पेंड

वक्फ बिल पर JPC की मीटिंग में बवाल, TMC सांसद ने बोतल फोड़ी, हुए चोटिल, एक दिन के लिए सस्पेंड

प्रेषित समय :16:14:47 PM / Tue, Oct 22nd, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. संसद में वक्फ बिल पर मंगलवार को हुई जेपीसी की बैठक के दौरान टीएमसी सांसद और बीजेपी सांसद के बीच जमकर बहस हुई. इस दौरान कल्याण बनर्जी ने वहां रखी कांच की पानी की बोतल मेज पर दे मारी, इससे वे चोटिल हो गए. उन्हें अंगूठे और एक उंगली में चोट लगी है. बाद में उन्हें इलाज के लिए ले जाया गया.

घटना के बाद कुछ देर के लिए मीटिंग को रोक दिया गया. इलाज के बाद उन्हें एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी और आप नेता संजय सिंह बैठक कक्ष में वापस ले जाते हुए देखे गए.

वक्फ बिल पर संसदीय समिति बैठक में किए गए अभद्र व्यवहार के लिए टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया गया है. वे अगली बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे. वक्फ (संशोधन) बिल 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था और विपक्ष की आपत्ति के बीच इसे जेपीसी को सौंपा गया था. कमेटी को अगले संसद सत्र के पहले हफ्ते में अपनी रिपोर्ट लोकसभा को सौंपनी है.

कल्याण अचानक उठकर बोलने लगे तो अभिजीत ने टोका था

मंगलवार को संसद में भाजपा के जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति रिटायर्ड जजों और वकीलों की एक टीम के विचार सुन रही थी. इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने सवाल किया कि विधेयक में उनकी क्या हिस्सेदारी है.

कल्याण बनर्जी अपनी बारी से पहले बोलना चाहते थे. वे पहले ही तीन बार बोल चुके थे और फिर से मौका चाहते थे. लेकिन भाजपा सांसद ने इसका विरोध किया. इसके बाद दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई. दोनों ने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया. कल्याण के इस तरह से हस्तक्षेप करने पर भाजपासांसद अभिजीत गंगोपाध्याय ने उन्हें टोका. इस पर कल्याण ने अचानक बोतल उठाई और पटक दी, जिससे कांच उनके ही हाथ में लग गया. इसके बाद उन्होंने टूटी बोतल चेयरमैन की ओर फेंकी.

बैठक में ये भी मौजूद रहे

मंगलवार (22 अक्टूबर) की बैठक में समिति ओडिशा के कटक से जस्टिस इन रियलिटी और पंचसखा प्रचार के सदस्यों के विचार और सुझाव सुन रही है. इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के पांच सांसदों का एक प्रतिनिधि मंडल भी विधेयक पर अपने विचार रख रहा है. इसके पहले समिति ने सोमवार को बैठक की थी, जिसमें अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के अधिकारियों को मौखिक साक्ष्य देने के लिए बुलाया गया था.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-