आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना: मृतक की पहचान हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश क्यों!

आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना: मृतक की पहचान हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश क्यों!

प्रेषित समय :20:26:37 PM / Wed, Oct 23rd, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

प्रदीप द्विवेदी
मीडिया के पास जो अधिकार हैं, उनके साथ कुछ जिम्मेदारी भी हैं, किसी भी संवेदनशील मामले में किसी प्रभावित की पहचान प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तौर पर जाहिर नहीं होनी चाहिए, इसीलिए अगस्त 2024 में आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना पर मृतक की पहचान हटाने के सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए थे.
अदालत का कहना था कि- सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से मृतक का नाम, फोटो और वीडियो क्लिप सहित पहचान के सभी संकेतों को तुरंत हटाया जाए.
यही वजह है कि.... इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भारत में संचालित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को किन्नोरी घोष/अन्य बनाम भारत संघ और अन्य- आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना में मृतक के नाम और फोटो के प्रसार के मामले में 20 अगस्त, 2024 को दिए गए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए कहा था.
सुप्रीम कोर्ट ने एक निषेधाज्ञा आदेश के माध्यम से निर्देश दिया था कि मृतक को दर्शाने वाली किसी भी तस्वीर और वीडियो क्लिप के साथ ही मृतक की पहचान के सभी संकेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से तुरंत हटा दिए जाएं, यह निर्देश संबंधित घटना से जुड़े संवेदनशील सामग्री के प्रसार के बारे में चिंता जाहिर किए जाने के बाद जारी किया गया.
खबरों की मानें तो.... न्यायालय का आदेश इस प्रकार है- यह न्यायालय निषेधाज्ञा जारी करने के लिए बाध्य है, क्योंकि सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने मृतक की पहचान और शव की बरामदगी के बाद शव की तस्वीरें प्रकाशित करना शुरू कर दिया.
हम तदनुसार निर्देश देते हैं कि उपरोक्त घटना में मृतक की तस्वीरों और वीडियो क्लिप सहित उनकी पहचान के सभी संकेत इस आदेश के अनुपालन में सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से तुरंत हटा दिए जाएंगे.
इसके बाद.... इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा कि- न्यायालय के निर्देश का पालन करना महत्वपूर्ण है, ताकि इसमें शामिल लोगों की गोपनीयता और गरिमा की रक्षा की जा सके और इसलिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने की आवश्यकता है.
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय सभी सोशल मीडिया कंपनियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह भी किया कि- ऐसी संवेदनशील जानकारी को आगे प्रसारित न किया जाए, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन न करने पर कानूनी नतीजे भुगतने पड़ सकते हैं और आगे की नियामक कार्रवाई हो सकती है!

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-