नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने आज महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार व अन्य से घड़ी चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल को लेकर वरिष्ठ नेता शरद पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) गुट द्वारा दायर याचिका पर जवाब मांगा. इस मामले में अगली सुनवाई 6 नवंबर को होगी.
न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने उपमुख्यमंत्री व अन्य को नोटिस जारी कर याचिका पर जवाब मांगा है. शीर्ष अदालत ने अजित पवार को निर्देश दिया कि वे 19 मार्च व 24 अप्रैल को दिए गए अपने निर्देशों पर एक नया हलफनामा दाखिल करें. जिसमें कहा गया था कि एनसीपी का घड़ी चुनाव चिह्न न्यायालय में विचाराधीन है और राज्य विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया के दौरान भी इसका सावधानीपूर्वक अनुपालन किया जा रहा है.
19 मार्च 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि अजित पवार गुट अपने चुनाव चिन्ह के साथ एक डिस्क्लेमर लिखने को कहा था कि इस चुनाव चिन्ह से जुड़ा विवाद कोर्ट में लंबित है और इस पार्टी का शरद पवार से कोई संबंध नहीं है. कोर्ट ने अजित पवार गुट से हलफनामा दाखिल करने को कहा है. फिलहाल घड़ी का चुनाव चिन्ह अजित पवार गुट के पास ही रहेगा और वे डिस्क्लेमर के साथ घड़ी के चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट से घड़ी का चुनाव चिन्ह वापस लेने की शरद पवार गुट की मांग को नहीं माना. शीर्ष अदालत शरद पवार नीत खेमे की एक याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें दावा किया गया है कि न्यायालय के आदेश का अजित पवार समूह द्वारा पालन नहीं किया जा रहा है.
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