वास्तु के अनुसार घर के हर कक्ष में चुनें सही रंग, पाएं सकारात्मक ऊर्जा और शांति

वास्तु के अनुसार घर के हर कक्ष में चुनें सही रंग

प्रेषित समय :18:47:25 PM / Tue, Oct 29th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

हमारे घर का वातावरण हमारे मन और विचारों पर गहरा प्रभाव डालता है. जैसा वातावरण हमारे घर में होता है, वैसे ही हमारे विचार भी होते हैं. कुछ घरों में झगड़े और तनाव का माहौल रहता है, और कई बार इसका कारण वास्तु दोष भी हो सकता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की हर वस्तु हमारे जीवन पर असर डालती है. दीवारों का रंग भी हमारे विचारों और कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है.

जिस रंग से घर रंगा होता है, हमारा स्वभाव भी अक्सर वैसा ही बन जाता है. इसीलिए घर की दीवारों पर वास्तु के अनुसार ही रंग चुनना चाहिए. रंगों का प्रभाव हमारे रिश्तों पर भी पड़ता है, चाहे वे पारिवारिक हों या कार्य संबंधी. जैसे हरा रंग विकास का प्रतीक है.

बैठक कक्ष (ड्राइंग रूम) का रंग
बैठक कक्ष हमारे घर का एक प्रमुख स्थान होता है, जहां परिवार के सभी सदस्य एक साथ बैठते हैं और अतिथि का स्वागत भी होता है. इस कक्ष में सफेद, गुलाबी, पीला, क्रीम या हल्का भूरा रंग और हल्का नीला रंग सुखद माहौल बनाता है.

शयनकक्ष का रंग
शयनकक्ष में गहरे और आँखों को चुभने वाले रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. यहां हल्के रंगों का चयन करें जो मन को शांति और सुकून दें, जैसे आसमानी, हल्का गुलाबी, हल्का हरा, या क्रीम रंग.

भोजन कक्ष का रंग
भोजन कक्ष घर का एक महत्वपूर्ण स्थान है, जहां परिवार के सदस्य एक साथ बैठकर भोजन करते हैं. यहां हल्का हरा, गुलाबी, आसमानी या पीला रंग शुभ माना गया है, जो एकता और सकारात्मकता बढ़ाता है.

रसोईघर का रंग
वास्तु शास्त्र के अनुसार, रसोईघर दक्षिण-पूर्व दिशा में बनाना चाहिए. शुक्र ग्रह और अग्नि देवता से जुड़े सफेद या क्रीम रंग को रसोईघर में सकारात्मक ऊर्जा लाने के लिए उपयुक्त माना गया है. यदि वास्तु दोष हो, तो लाल रंग का भी प्रयोग किया जा सकता है.

अध्ययन कक्ष का रंग
अध्ययन कक्ष के लिए पूर्व और दक्षिण-पश्चिम दिशा सबसे अच्छी होती है. हल्के रंग, जैसे क्रीम, हल्का जामुनी, हल्का हरा, गुलाबी, आसमानी या पीला रंग यहाँ पर प्रभावी होता है.

स्नानघर और शौचालय का रंग
स्नानघर और शौचालय में सफेद, गुलाबी, हल्का पीला या हल्का आसमानी रंग मन को सुकून देता है.

छत का रंग
छतों पर सफेद या क्रीम रंग का उपयोग सबसे उपयुक्त होता है, जो प्रकाश को परावर्तित कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है.

पूजा/मंदिर कक्ष का रंग
पूजा घर को ईशान कोण में रखना चाहिए. यहाँ सफेद, हल्का नीला, पीला या आध्यात्मिकता से जुड़े गेरुआ और नारंगी रंग का उपयोग करना चाहिए, जो शांति और एकाग्रता प्रदान करता है.

ब्रह्म स्थान का रंग
घर के मध्य में ब्रह्म स्थान होता है. यहाँ गहरे या चटक रंगों का प्रयोग नहीं करना चाहिए और सफेद या हल्के रंग का उपयोग करना चाहिए, जो प्रकाश में वृद्धि करता है और ऊर्जा का संतुलन बनाए रखता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-