MP: फरारी में दो माह तक नौकरी करता रहा डिप्टी डायरेक्टर, घोटाले के आरोपी को इंदौर नगर निगम ने दी दो लाख रुपए सैलरी..!

MP: फरारी में दो माह तक नौकरी करता रहा डिप्टी डायरेक्टर, घोटाले के आरोपी को इंदौर नगर निगम ने दी दो लाख रुपए सैलरी..!

प्रेषित समय :19:12:38 PM / Sun, Nov 3rd, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, इंदौर. एमपी के इंदौर का नगर निगम इन दिनों चर्चाओं में है. नगर निगम डेढ़ सौ करोड़ के घोटाले में फंसे अधिकारियों को लेकर सुर्खियों में है. एक अधिकारी जो पुलिस रिकॉर्ड में 30 जुलाई से फरार था वह 13 सितंबर तक विभाग में काम करता रहा. उसे जुलाई व अगस्त में सैलरी भी दी गई. जैसे ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकंजा कसा. उसने बीमार होने का आवेदन दिया व मोबाइल बंद कर लिया.

एमजी रोड टीआई विजय सिंह परिहार ने बताया कि नगर निगम के ऑडिट विभाग के डिप्टी डायरेक्टर शरद कतरोलिया के खिलाफ 30 जुलाई को चालान पेश कर किया तभी से वे फरार हैं. इसकी जानकारी नगर निगम के अधिकारियों को दी है. कतरोलिया 13 सितंबर तक ऑन ड्यूटी थे. उसी दिन मेडिकल लीव देकर चले गए लेकिन उनकी छुट्टी मंजूर नहीं हुई है. विभाग ने कतरोलिया को जुलाई की सैलरी अगस्त में और अगस्त की सैलरी सितंबर में दी है. घोटाले में एफआईआर दर्ज होने के बाद उन्हें नगर निगम से हटाकर पंचायत विभाग में भेज दिया गया. इसके पहले उनके पास नर्मदा प्रोजेक्ट का ऑडिट करने की जिम्मेदारी थी. 2019 में इंदौर निगम के लिए काम करने वाले ठेकेदारों व सप्लायर्स ने शरद कतरोलिया की शिकायत तत्कालीन निगमायुक्त आशीष सिंह से की थी. शिकायत में कहा गया था कि कतरोलिया बिल पास करने के बदले 1.5 प्रतिशत  कमीशन मांगते हैं.

यदि कमीशन नहीं दिया तो ऑडिट विभाग की अनावश्यक आपत्तियां लगाने की धमकी देकर बिल रोक देते हैं. इस शिकायत के आधार पर जांच के बाद कतरोलिया को सस्पेंड कर दिया गया था. कतरोलिया के कमीशन मांगने की शिकायत रामकी इन्फ्रास्ट्रक्चर हैदराबाद वेट्स सोसाइटी फॉर एनिमल चिडिय़ाघर के जानवरों के लिए मांस-मछली सप्लायर कमलेश गौड़ व मोइनुद्दीन, सूखा चारा और हरी घास विक्रेता दामोदर प्रभुलाल सुईवालए मयंक कंस्ट्रक्शन और श्वेता मंत्री समेत अन्य कंपनियों ने की थी. कतरोलिया ने क्रिस्टल इंटरप्राइजेस का 1 करोड़ 7 लाख रुपए से अधिक का बिल पास किया था. क्रिस्टल कंपनी के डायरेक्टर इमरान खान फर्जी बिल कांड में जेल जा चुके हैं.

नगर निगम ने इस कंपनी को प्रतिबंधित कर दिया है. यह बिल 26 मार्च 2021 को पास हुआ था और यह पेमेंट नई सीवर लाइन और चैंबरों के निर्माण के बदले किया गया था. गौरतलब है कि इंदौर नगर निगम में 150 करोड़ रुपए के फर्जी बिल घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय  ने 3 महीने पहले मास्टर माइंड इंजीनियर अभय राठौर व संयुक्त संचालक ऑडिट  अनिल कुमार गर्ग के ठिकानों समेत 12 जगह छापे मारे थे. ईडी ने 1 करोड़ 30 लाख रुपए की नकदी बरामद की है. साथ ही 3 करोड़ रुपए की एफडीआर भी मिली है. ईडी की टीम ने नगर निगम में घोटाले से जुड़े कई दस्तावेज भी अपने कब्जे में लिए गए.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-