पलपल संवाददाता, भोपाल. एमपी के सागर जिले की बीना से विधायक निर्मला सप्रे की सदस्यता रद्द करने संबंधी कांग्रेस की याचिका के कागजात विधानसभा से गायब हो गए. इस मामले का खुलासा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने किया है. हालांकि विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने इससे इनकार किया है.
नेता प्रतिपक्ष श्री सिंघार ने आगे कहा कि हमने नियम अनुसार समय पर विधानसभा अध्यक्ष को याचिका दी थी. लेकिन वहां से 90 दिन बाद जानकारी आई कि कागज गुम हो गए हैं. मैंने उन्हें पूरी जानकारी के साथ वापस याचिका भिजवाई है. मुझे नहीं लगता कि भारतीय जनता पार्टी इस पर कोई निर्णय लेना चाहती है.
हम इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जा रहे हैं. उमंग सिंघार ने कहा कि ये सब जानते हैं कि वे निर्मला किस तरह से भारतीय जनता पार्टी की बैठकों में जा रही हैं. किस तरह से बयानबाजी कर रही हैं. यही सब तथ्य हैं कि वह पार्टी विरोधी गतिविधि में पूरी तरह से लिप्त हैं. इसलिए हम लोग उनकी सदस्यता बर्खास्त करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगा रहे हैं. कोई कागज गुम नहीं हुए हैं.
ऐसे कागज गुम नहीं होते. विधानसभा अध्यक्ष ने परीक्षण के लिए कोई दस्तावेज मांगे होंगे. यह जानकारी मांगी गई होगी कि जिस सदस्य के खिलाफ याचिका लगाई है लोकसभा चुनाव के दौरान 5 मई को सागर जिले के राहतगढ़ में हुई जनसभा के दौरान बीना विधायक निर्मला सप्रे मंच पर पहुंची और उन्होंने मुख्यमंत्री के हाथों भाजपा का दुपट्टा पहना था. उस वक्त यह ऐलान किया गया था कि निर्मला सप्रे भाजपा में शामिल हुई हैं. सप्रे ने भी बीना के विकास के लिए भाजपा का साथ देने की बात कही थी. तब से वे लगातार भाजपा की बैठकों और कार्यक्रमों में शामिल हो रहीं हैं.
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