जन्म कुंडली में जब चन्द्र मंगल युति केंद्र या त्रिकोण भाव में बनती है तो इसको लक्ष्मी योग कहा जाता है जो कि शुभ योग में से एक है.
इस योग के शुभ फल प्राप्ति के लिए चंद्रमा या मंगल का योगकारक ग्रहों से संबंध, बली और केंद्र या त्रिकोण राशि का स्वामी ग्रह होना जरूरी है.
यदि चन्द्र या मंगल पर शत्रु ग्रह जैसे कि शनि राहू का प्रभाव हो तो भी इस योग के शुभ फल प्राप्ति में बाधा आती है.
इस योग से शुभ फल के लिए चन्द्र या मंगल की महादशा भी उचित समय जैसे 20 से 40 वर्ष की आयु के दरमियान मिलनी चाहिए.
लक्ष्मी योग के शुभ प्रभाव से जातक को शुभ फल जैसे कि बाहर के देशों तक प्रसिद्धि, मजबूत आर्थिक स्थिति, कामकाज में उच्च पद, प्रतिष्ठा और आसानी से लाभ, कई तरह के वाहन सुख और लोगों द्वारा सम्मान मिलता है.