पलपल संवाददाता, भोपाल. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल की पूर्व सांसद व भाजपा की वरिष्ठ नेता प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ मुंबई NIA की स्पेशल कोर्ट ने नया जमानती वारंट जारी किया है. 16 साल पुराने मालेगांव ब्लास्ट केस की अंतिम सुनवाई के दिन आज भी प्रज्ञा गैरहाजिर रहीं. इसीलि कोर्ट ने उनके खिलाफ वारंट इश्यू किया. 8 दिन में यह दूसरा वारंट है.
इसके पहले 6 नवंबर को कोर्ट ने प्रज्ञा के खिलाफ वारंट जारी कर 13 नवंबर को कोर्ट में पेश होने को कहा था. तब प्रज्ञा ने अपनी एक तस्वीर एक्स पर शेयर करते हुए लिखा था कि जिंदा रही तो अवश्य जाऊंगी. उनके करीबियों ने बताया कि वे दिल्ली के अस्पताल में भर्ती हैं. उनके चेहरे पर सूजन है. उन्हें देखने में भी दिक्कत आ रही है. इससे पहले मार्च में भी प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ 10 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी हुआ था. अब एक बार फिर कोर्ट ने उनके खिलाफ 10 हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया है. अंतिम तारीख 13 नवंबर है.
इसका मतलब ये है कि उन्हें 13 नवंबर तक कोर्ट के सामने पेश होना होगा. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर खराब सेहत के कारण पिछले काफी समय से कोर्ट में पेश नहीं हो रहीं थी. इसको लेकर उनके अधिवक्ता जेपी मिश्रा ने कोर्ट से पेशी में छूट देने की अपील की थी. लेकिन कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अपील को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि अब मामले में अंतिम बहस चल रही है.
इस दौरान उनका हाजिर रहना अनिवार्य है. भोपाल की पूर्व सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में आरोपी हैं. 29 सितंबर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए बम विस्फोट में 6 लोगों की मौत हो गई थी वहीं 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. मालेगांव ब्लास्ट मामले में 7 आरोपियों के खिलाफ केस चल रहा है. इन आरोपियों में भोपाल की पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर समेत लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर्ड) प्रसाद पुरोहित, मेजर (रिटायर्ड) रमेश उपाध्याय, अजय राहिरकर, सुधाकर चतुर्वेदी, समीर कुलकर्णी व सुधाकर द्विवेदी का नाम शामिल है.
वर्ष 2017 में प्रज्ञासिंह सहित सात आरोपियों को मिली थी जमानत-
माह अप्रैल 2017 बॉम्बे हाईकोर्ट ने सातों आरोपियों को जमानत दी थी. इस दौरान प्रज्ञासिंह को पांच लाख रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी गई थी. तब कोर्ट ने कहा था कि साध्वी के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता. कोर्ट ने यह भी कहा था कि साध्वी प्रज्ञा एक महिला हैं और आठ साल से ज्यादा समय से जेल में हैं. उन्हें ब्रेस्ट कैंसर है और वो कमजोर हो गई हैं, बिना सहारे चलने में भी लाचार हैं.
ब्लास्ट मामले में 323 से ज्यादा गवाह, कई बयान से मुकरे-
मालेगांव ब्लास्ट मामले में 323 गवाह हैं जिनमें से 34 फ्लिप हो गए हैं. बाकी 289 गवाहों के बयानों के आधार पर कोर्ट ने करीब 4-5 हजार सवालों का एक सेट तैयार किया है. इस मामले में इससे पहले कई गवाह अपने बयान से मुकरे हैं. अगस्त 2021 में सुनवाई के दौरान लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित के खिलाफ बयान देने वाला गवाह मुकर गया था. इसके बाद स्पेशल एनआईए कोर्ट ने उसे पक्ष द्रोही करार दिया था.
मालेगांव केस सुनने वाली कोर्ट को ब्लास्ट की धमकी-
मालेगांव बम विस्फोट मामले में सुनवाई कर रही स्पेशल NIA कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली है. एक सरकारी वकील ने बताया कि 30 अक्टूबर को कोर्ट के रजिस्ट्रार ऑफिस में फोन कॉल आया था. कॉलर ने कहा मामले की सुनवाई वाले कोर्ट रूम नंबर 26 को बम से उड़ा देंगे. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-