नई दिल्ली. प्याज, टमाटर और लहसुन के बाद खाने के तेल ने भी आम आदमी की रसोई का बजट बिगाड़ दिया है. एक महीने में खाद्य तेल के दाम 8 फीसदी तक बढ़े हैं. ऐसे में लोगों को और ज्यादा बजट मासिक राशन के लिए बनाना पड़ रहा है. सब्जियां तो पहले से ही महंगी हैं. खाद्य महंगाई की वजह से ही खुदरा महंगाई अक्टूबर में 14 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई है.
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मूंगफली तेल का दाम 14 अक्टूबर को 193.58 रुपये लीटर था. बृहस्पतिवार को यह एक फीसदी बढ़कर 195.59 रुपये लीटर हो गया. सरसों तेल 2.5 फीसदी महंगा होकर 167 रुपये लीटर व वनस्पति तेल पांच फीसदी बढ़कर 142 रुपये लीटर हो गया है.
सोया तेल के दाम में पांच फीसदी की बढ़ोतरी
सोया तेल का दाम पांच फीसदी महंगा होकर 141 रुपये लीटर हो गया है. सूरजमुखी तेल भी पांच फीसदी बढ़कर 140 से 147 रुपये लीटर हो गया है. पाम तेल सबसे ज्यादा 8 फीसदी बढ़कर 120 से 129 रुपये लीटर पर पहुंच गया है. तेलों के साथ चाय भी महंगी हो गई है. इसकी कीमत तीन फीसदी बढ़कर 271 रुपये किलो पर पहुंच गई है. सब्जियों की कीमतें तो 30 रुपये से लेकर 80 रुपये किलो तक के बीच हैं. प्याज जहां अभी भी 70-80 रुपये किलो है, वहीं आलू की कीमत 30 रुपये किलो है.
इस महीने भी रुलाएगा प्याज
प्याज के दाम इस महीने भी ऊंचे बने रहेंगे. आईसीआईसीआई बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, नवंबर में सब्जियों के दाम चार फीसदी तक घट सकते हैं, लेकिन प्याज की कीमतें ऊंची रहने वाली हैं. सब्जियों के दाम 57 माह के शीर्ष पर पहुंच गये हैं. नवंबर में सब्जियों के दाम घटने के बावजूद वार्षिक आधार पर कीमतें अभी भी ऊंची हैं. अक्टूबर में इनके दाम 42 फीसदी बढ़कर 57 महीने के शीर्ष पर चले गए हैं.
एक साल में आलू 65 फीसदी महंगा सब्जियों की कीमतों में उछाल टमाटर, आलू व प्याज जैसी जरूरी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि से है. टमाटर के दाम एक साल में 161 प्रतिशत बढ़े हैं. आलू 65 प्रतिशत और प्याज 52 प्रतिशत महंगा हुआ है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-