जबलपुर. एमपी के नरसिंहपुर जिले के राम जानकी ट्रस्ट मंदिर कंदेली की जमीन को बेचने के मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने नरसिंहपुर कलेक्टर को 60 दिन में निराकरण के निर्देश दिए हैं. जस्टिस एमएस भट्टी की एकल पीठ ने कलेक्टर से यह भी कहा है कि वह रिपोर्ट कोर्ट को सौंपे.
जबलपुर निवासी यदुवंश कुमार त्रिवेदी की ओर से अधिवक्ता अजय रायजादा ने हाई कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता के पूर्वजों ने ट्रस्ट बनाकर राम जानकी मंदिर का प्रबंधन और व्यवस्थापन का कार्य शुरू किया था. याचिकाकर्ता पांच भाई-बहन हैं, जिनमें से यदुवंश कुमार जबलपुर में रहते हैं. वर्ष 2009 में व्यवस्था पत्र बनवाकर छोटे भाई सुरेंद्र कुमार त्रिवेदी को देखने का दायित्व सौंप दिया था.
याचिकाकर्ता ने बताया कि सुरेंद्र त्रिवेदी ने बिना अधिकार नर्मदा डेवलपर से सांठगांठ कर मंदिर की संपत्ति बेच दी और कलेक्टर की अनुमति से वहां निर्माण भी शुरू कर दिया. मंदिर की संपत्ति में सभी भाई-बहन का बराबर से अधिकार हैं. याचिकाकर्ता ने इस मामले में कलेक्टर से संपत्ति का दुरुपयोग रोकने मांग की थी लेकिन जब सुनवाई नहीं हुई तो याचिका दायर की गई.
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