हल्दी, नीम से कैंसर के इलाज के सिद्धू का दावा टाटा कैंसर हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने किया खारिज बोले-सबूत नहीं

हल्दी, नीम से कैंसर के इलाज के सिद्धू का दावा टाटा कैंसर हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने किया खारिज बोले-सबूत नहीं

प्रेषित समय :17:38:55 PM / Sun, Nov 24th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जालंधर. पंजाब कांग्रेस नेता और पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिद्धू के पत्नी को कैंसर से ठीक करने वाले इलाज के दावे पर विवाद मचा हुआ है. सिद्धू ने कहा था कि उन्होंने आयुर्वेदिक तरीके से पत्नी का इलाज किया. कैंसर सेल्स को बढ़ाने वाली मीठी चीजों को बंद किया. जिसके बाद पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू कैंसर फ्री हो गईं.

सिद्धू ने इस बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की. इसका वीडियो वायरल होने के बाद अब टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल की अगुआई में 262 ऑन्कोलॉजिस्ट ने इस दावे पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि सिद्धू की बताई कुछ चीजों पर रिसर्च जरूर चल रही है, लेकिन इनसे ठीक हो जाने का दावा सही नहीं है. उन्होंने कहा कि सिद्धू के दावे के पर्याप्त सबूत नहीं हैं. ऐसे में लोगों को कैंसर जैसे लक्षण होने पर तुरंत अस्पताल में जांच करानी चाहिए.

मैंने घंटों पढ़कर बीमारी के बारे में रिसर्च की

सिद्धू बोले कि जब मुझे पता चला तो मैं घंटों पढ़ा, बीमारी के बारे में रिसर्च शुरू की. मैंने कुछ भी नहीं छोड़ा, फिर चाहे अमेरिकी डॉक्टर हों या आयुर्वेद हो. दिन में चार से पांच घंटे तक मैं रोज पढ़ता था कि कहीं कोई इलाज मिल सके. मैं जब डॉक्टरों से पूछा करूं तो डाइटिंग करवाने से सीधा मना कर देते. जब ये हुआ कि कोई चांस नहीं है तो फिर मैंने जो पढ़ा था, वही करना शुरू किया. मैंने अपनी बेटी के साथ मिलकर नोनी के लिए डाइट शुरू करवाई.

जैसी डाइट से नोनी का इलाज हुआ, उसे हर कोई खा सकता

सिद्धू ने आगे कहा- कई लोगों ने मुझे कहा कि आपके पास तो करोड़ों हैं, आप तो ठीक हो ही जाओगे. मगर एक आम इंसान कैसे ठीक होगा. मैंने कहा कि जैसी डाइट से नोनी का इलाज हुआ, इसे एक आम आदमी भी खा सकता है और अपने आपको बचा सकता है. सिद्धू ने आगे कहा- स्टेज-4 का कैंसर होने के बाद भी नोनी 40 दिनों के अंदर वापस आई है. लोग कहते हैं कि करोड़ों रुपए लगते हैं, मगर मैं कहना चाहता हूं कि नीम के पत्तों के क्या पैसे लगते हैं. कैंसर एक इंफ्लामेशन है, जोकि दूध, कार्बोहाइड्रेट्स (गेहूं), रिफाइंड शुगर (जैसे कि जलेबी) और मैदा जैसी चीजों से होता है. इसलिए इनको बंद कर दिया.

सिद्धू ने कहा- फिर हमने नोनी की डाइट में वो चीजें एड की, जिसकी उसे जरूरत थी. नोनी को सुबह 10 बजे नींबू पानी दिया जाता था. जिसमें गर्म पानी, कच्ची हल्दी, एक लहसुन और सेब का सिरका होता था. इसके आधा घंटे बाद 10 से 12 नीम के पत्ते और तुलसी देते थे. चाय पूरी तरह से बंद कर दी गई थी. सुबह चाय की जगह नोनी को दाल चीनी, लौंग और छोटी इलायची इसमें नाम मात्र गुड़ मिलकर काढ़ा दिया जाता था.

सिद्धू बोले- दूध की जगह पर नारियल का दूध दिया

सिद्धू ने कहा- मैं कहना चाहता हूं कि कैंसर को भी हराया जा सकता है. अगर आप अपने लाइफस्टाइल को चेंज करेंगे तो आप कैंसर को भी हरा सकते हैं. इसी डाइट से मैंने भी करीब 25 किलो भार कम किया. कैंसर का सबसे बड़ा कारण फैटी लिवर है. सिद्धू ने आगे कहा- नारियल एक ऐसी चीज है, जोकि इंसान की जिंदगी में चमत्कार कर सकती है. नारियल का तेल इस्तेमाल किया जाता था. दूध की जगह पर नारियल का दूध इस्तेमाल किया जाता था. बादाम मिल्क का इस्तेमाल किया जाता था. नोनी को आयुर्वेद के हिसाब से चार बीज भी दिए जाते थे. जिसमें तिल, अलसी के बीज, सूरजमुखी के बीज दिए गए. इससे नोनी की सेहत में काफी फर्क आया. यमुनानगर जब नोनी को दिखाने के लिए गए तो डॉक्टर हैरान थे कि इतना सुधार कैसे आ गया.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-