मुंबई. महाराष्ट्र में ईवीएम का विरोध बढ़ता ही जा रहा है और अब इस विरोध का प्रतीक मरकाडवाड़ी गांव बन गया है. यही वजह है कि शरद पवार और उनकी पार्टी के नेता रविवार को मरकाडवाड़ी गांव पहुंचे और ईवीएम विरोधी कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान शरद पवार ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए मांग की कि पश्चिमी देशों में भी बैलेट पेपर से चुनाव हो रहे हैं तो भारत में भी बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने चाहिए.
आप इतना डरे हुए क्यों हैं?
शरद पवार की पार्टी के नेता जितेंद्र अव्हाड़ भी इस ईवीएम विरोधी कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम मरकाडवाड़ी गांव के लोगों से कुछ नहीं कह रहे हैं और यह पूरा कार्यक्रम गांव के लोगों ने आयोजित किया, लेकिन सवाल ये है कि अगर आपको लोकतंत्र पर विश्वास है तो लोगों को क्यों रोका जा रहा है? अगर आम आदमी अपने पैसों से कुछ करना चाहता है तो फिर उसमें हस्तक्षेप करने और उन्हें गिरफ्तार करने की क्या जरूरत है? आप इतना क्यों डरे हुए हैं?
मरकाडवाड़ी क्यों बना ईवीएम विरोध का अखाड़ा
दरअसल महाराष्ट्र के सोलापुर जिले की मालशिरास विधानसभा सीट के अंतर्गत आने वाले गांव मरकाडवाड़ी के लोगों ने ईवीएम पर शंका जाहिर की थी और बैलेट पेपर से फिर से चुनाव कराने की मांग की थी. ग्रामीणों ने तीन दिसंबर को पुनर्मतदान की तैयारी भी कर ली थी, लेकिन प्रशासन की सख्ती के बाद ग्रामीणों ने अपना फैसला टाल दिया था. गांव वालों का दावा है कि मालशिरस सीट से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के विजेता उम्मीदवार उत्तम जानकर को मरकाडवाड़ी गांव में अपने प्रतिद्वंद्वी भाजपा उम्मीदवार राम सतपुते के मुकाबले 80 फीसदी से अधिक वोट मिलने चाहिए. उन्होंने कहा कि हालांकि ईवीएम के मतदान के अनुसार जानकर को 1,003 वोट मिले, जबकि सतपुते को उनसे कुछ ही कम 843 मत मिले. उन्होंने दावा किया कि सतपुते को उनके गांव से 100-150 से अधिक वोट नहीं मिले होंगे.
पवार ने कहा- जब दुनिया में बैलेट से चुनाव हो रहे तो यहां क्यों नहीं हो सकते
विपक्ष भी ईवीएम के नतीजों पर सवाल उठा रहा है. यही वजह है कि मरकाडवाड़ी गांव ईवीएम विरोध का महाराष्ट्र में केंद्र बन गया है. कार्यक्रम के दौरान शरद पवार ने कहा कि चुनाव में किसी की हार होती है तो किसी की जीत लेकिन हालिया विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया पर लोगों को शक है और लोगों को नतीजों पर विश्वास नहीं हो रहा है. अमेरिका, इंग्लैंड और कई यूरोपीय देशों में आज भी बैलेट पेपर से मतदान होता है, जब दुनियाभर में बैलेट से चुनाव हो रहे हैं तो ऐसा हमारे यहां क्यों नहीं हो सकता?
शरद पवार ने कहा कि मरकाडवाड़ी गांव के लोग बैलेट पेपर से पुनर्मतदान कराना चाहते थे, लेकिन लोगों को रोका जा रहा है, जो हैरानी भरा है. शरद पवार ने गांव के लोगों से अपील की कि वे उनकी शिकायत को चुनाव आयोग तक लेकर जाएंगे और एक प्रस्ताव लाएंगे, जिसमें चुनाव ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से कराने की मांग की जाएगी. मुंबई में भी रविवार को महा विकास अघाड़ी नेताओं की इस मुद्दे पर बैठक हुई. इस बैठक में शिवसेना यूबीटी नेता आदित्य ठाकरे, जितेंद्र आव्हाड और नाना पटोले आदि शामिल हुए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-