यदि राहु-सूर्य या राहु -चंद्र की युति हो तो जातक को न केवल अदालती मुकदमों का सामना करना पड़ता है, बल्कि इन मुकदमों के दौरान उसे असीम तनाव भी होता है.
शनि - कुंडली में शनि के प्रभाव से पक्षों के बीच गलतफहमी पैदा होती है, यह कोर्ट-कचहरी के मामलों में देरी करता है. यह व्यक्ति पर दबाव बढ़ाता है और अवसाद का कारण बन सकता है.
राहु - कोर्ट केस में पेचीदगी बढ़ा सकता है. यह वकीलों के साथ गलतफहमी पैदा कर सकता है, जो आपके कानूनी मामलों को लड़ रहे हैं.
केतु - इन मामलों में व्यवस्थित खर्च से आपको धन की हानि हो सकती है. यह आपको इन मामलों में रिश्वतखोरी के हथकंडे अपनाने के लिए भी प्रेरित कर सकता है. कुंडली में केतु का अत्यधिक प्रभाव मृत्यु दंड का कारण भी बन सकता है.
मंगल- कुंडली में मंगल की उपस्थिति यदि खराब स्थिति में हो, तो यह बहुत गंभीर हो सकता है. जातकों को सुनवाई/प्रतिनिधित्व का उचित मौका न मिलने पर भी गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं. प्रभावित 8वें और 12वें भाव के कारण आजीवन कारावास/मृत्यु वारंट भी हो सकता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-