मानसिक अंतर्ज्ञान के लिए बृहस्पति और केतु का लग्न या चंद्र के साथ दृष्टि संबंध.
बृहस्पति नॉलेज और विस्तृत ज्ञान प्रदान करते है जबकि केतु छिपी और गुप्त चीजों, मानसिक ज्ञान की शक्ति प्रदान करते है.
मानसिक अंतर्ज्ञान के लिए मुख्य योग
बृहस्पति या केतु प्रथम भाव में उच्च, मूलत्रिकोण या स्वराशि में स्थित हों.
बृहस्पति या केतु उच्च, मूलत्रिकोण या स्वराशि में बैठकर प्रथम भाव को देख रहे हो.
बृहस्पति या केतु चंद्र के साथ उच्च, मूलत्रिकोण या स्वराशि में युति करते हों.
बृहस्पति या केतु उच्च राशि में स्थित होकर, मूलत्रिकोण में या अपनी राशि में बैठकर चंद्र को देख रहे हों.
चंद्र आठवें भाव में स्थित हों .
चंद्र वृश्चिक राशि में स्थित हों.
चंद्र 12वें भाव में स्थित हों.
चंद्र मीन राशि में स्थित हों.
राहु आठवें भाव में स्थित हों.
केतु आठवें भाव में स्थित हों.
आठवें घर में कई ग्रह स्थित हों.
वृश्चिक राशि में अनेक ग्रह स्थित हों.
अष्टमेश की महादशा या अंतर्दशा के दौरान भी जातक को पूर्वाभास की शक्ति महसूस होती है.
उच्च अंतर्ज्ञान शक्ति, पूर्वभास ज्योतिषीय योग
प्रेषित समय :17:58:56 PM / Mon, Dec 9th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर