दिल्ली आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने जमानत की शर्तों में दी ढील

दिल्ली आबकारी नीति मामले में मनीष सिसोदिया को राहत

प्रेषित समय :13:42:56 PM / Wed, Dec 11th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. दिल्ली आबकारी नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आप नेता मनीष सिसोदिया को बड़ी राहत दी है. सु्प्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत शर्तों में ढील दी है. जमानत की शर्तों के मुताबिक उनको भ्रष्टाचार और मनी लॉड्रिंग से जुड़े मामलों में सप्ताह में दो बार जांच अधिकारी के सामने पेश होना था. अब सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि यह जरूरी नहीं है. वे नियमित रूप से अदालत में मामले की सुनवाई में शामिल होंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने 22 नवंबर को आम आदमी पार्टी (आप) नेता मनीष सिसोदिया की जमानत की शर्तों पर छूट की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की मंजूरी दे दी थी. कोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. इससे पहले शीर्ष अदालत ने नौ अगस्त को आबकारी नीति से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया को जमानत दे दी थी.

इस दौरान कोर्ट ने कहा था कि सिसोदिया 17 महीने से हिरासत में हैं और अभी तक मुकदमा शुरू नहीं हुआ है, जिससे उन्हें त्वरित सुनवाई के अधिकार से वंचित होना पड़ा. शीर्ष अदालत की शर्तों के अनुसार, उन्हें प्रत्येक सप्ताह सोमवार और गुरुवार को सुबह के 10 से 11 बजे के बीच जांच अधिकारी को रिपोर्ट करना होगा. 22 नवंबर को हुई सुनवाई के दौरान मनीष सिसोदिया की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा था कि आप नेता जांच अधिकारियों के सामने 60 बार पेश हुए.

क्या था मामला

सिसोदिया को रद्द हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 बनाने, इसके कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं में संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. पहले 26 फरवरी, 2023 को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने गिरफ्तार किया था. बाद में कई अलग-अलग आरोपों के तहत प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने भी सिसोदिया पर शिकंजा कसा. उन्होंने 28 फरवरी 2023 को दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि सिसोदिया ने आरोपों से इन्कार किया है.

सुप्रीम कोर्ट ने जमानत आदेश में यह कहा था

कोर्ट ने नौ अगस्त को सिसोदिया को जमानत देते हुए कहा था कि इन मामलों में जमानत मांगने के लिए उन्हें ट्रायल कोर्ट में भेजना न्याय का मखौल उड़ाना होगा. शीर्ष अदालत ने कहा कि अब समय आ गया है कि ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट यह स्वीकार करें कि जमानत का सिद्धांत एक नियम है और जेल एक अपवाद है. इसके बाद कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सिसोदिया को 10 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानतदारों पर जमानत पर रिहा किया गया जाए.

हालांकि, अदालत ने शर्त लगाई थी कि आप नेता को पासपोर्ट जमा करना होगा. सिसोदिया को हर सोमवार और गुरुवार को थाने में हाजिरी भी देनी होगी. कोर्ट ने उनसे कहा था कि वे गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश न करें. कोर्ट ने उन्हें सचिवालय जाने की इजाजत दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने 21 मई के दिल्ली हाईकोर्ट के जमानत याचिका खारिज करने के फैसले को पलट दिया था.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-