ज्योतिषीय गणनाओं में हर ग्रह अपनी विशिष्ट महत्ता रखता है, परंतु मंगल ग्रह की चर्चा आते ही ऊर्जा, साहस, क्रोध, संघर्ष, कर्मठता, और दृढ़ इच्छाशक्ति जैसे पहलू सर्वोपरि हो जाते हैं. मंगल को नवग्रहों में सेनापति की उपमा दी गई है, जो हमें जीवन में आगे बढ़ने का हौसला, चुनौतियों से लड़ने की क्षमता तथा आत्मरक्षा का कौशल प्रदान करता है. मंगल का संबंध रक्त, मांसपेशियों और शारीरिक शक्ति से भी माना जाता है. इसके प्रभाव में व्यक्ति के भीतर जोश, हिम्मत, युद्धकौशल, साहस, प्रबल मानसिक व शारीरिक ऊर्जा का विकास होता है.
ज्योतिष में मंगल जब अपनी सामान्य गति से विचलित होकर वक्री (Retrograde) होता है, तो इसका प्रभाव और भी गहन हो जाता है. वक्री मंगल अक्सर ऐसे परिणाम देता है जिनमें स्थगित कार्यों का पुनर्परीक्षण, रुके हुए मामलों का निपटारा, क्रोध की अधिकता, अचानक फैसले, संघर्ष का वातावरण, और शारीरिक-मानसिक स्तर पर उथल-पुथल देखने को मिल सकती है.
आगामी अवधि में एक महत्वपूर्ण खगोलीय परिवर्तन होने जा रहा है: 7 दिसंबर 2024 से लेकर 20 फरवरी 2025 तक मंगल कर्क राशि में वक्री रहेंगे. यह अवधि करीब 80 दिनों की होगी. इस समयावधि में सभी 12 राशियों पर विशेष प्रभाव पड़ेगा. इसके अतिरिक्त, वर्ष 2025 न्यूमरॉलॉजी के अनुसार ‘मंगल वर्ष’ माना जा रहा है, जो इस अवधि के प्रभावों को और अधिक गहरा सकता है. अतः यह समय आपके जीवन में ऊर्जा के नए पैमानों को जन्म दे सकता है, साथ ही गहन संघर्ष और चुनौतियों को भी सामने रख सकता है.
मंगल और कर्क राशि की ज्योतिषीय भूमिका:
मंगल अग्नि तत्व का ग्रह है, जो पराक्रम, ऊर्जा, उत्साह, गुस्सा, संघर्ष तथा साहस का प्रतीक है. दूसरी ओर, कर्क राशि जल तत्व की राशि है जिसका स्वामी चंद्रमा है. चंद्रमा मन, भावनाएं, संवेदनशीलता और मानसिक स्थिरता का कारक माना जाता है. जब उग्र और ऊर्जा से भरा मंगल एक जल तत्व की राशि कर्क में आता है, तो वह मानसिक व भावनात्मक स्तर पर उथल-पुथल मचा सकता है. सामान्य स्थिति में कर्क राशि में मंगल को नीच का माना जाता है, यानि यहां मंगल अपनी पूर्ण ऊर्जा को प्रकट नहीं कर पाता, जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति में क्रोध, चिड़चिड़ापन, भावुकता, अस्थिरता और मनोमंथन बढ़ सकता है. लेकिन वक्री होने पर नीच का मंगल अक्सर उच्च का जैसा प्रभाव देने लगता है, अर्थात वह गहन ऊर्जा का विस्फोटक रूप ले सकता है.
1. मेष राशि (अ, ल, इ)
मंगल आपके ही स्वामी हैं. मंगल जब नीच का होकर कर्क में बैठते हैं और वक्री होते हैं, तब पारिवारिक वातावरण में उथल-पुथल बढ़ सकती है. घरेलू विवाद, प्रॉपर्टी संबंधी मसले, मरम्मत और रख-रखाव के अप्रत्याशित खर्चे हो सकते हैं. माता की सेहत का ध्यान रखना आवश्यक होगा.
करियर में जो अवसर लंबे समय से प्रतीक्षित थे, वे अचानक गति पकड़ेंगे. यह उन्नति का समय तो है, किंतु घरेलू तनाव से प्रभावित होकर कार्यस्थल पर गुस्सा न निकालें. शारीरिक ऊर्जा को सकारात्मक दिशा दें— नियमित व्यायाम या खेलकूद आपके मानसिक तनाव को कम कर सकते हैं. घर-परिवार में छोटी बातों को तूल न दें, मौन रहकर स्थिति संभालिए. यह समय आपको कार्यक्षेत्र में उपलब्धि दिलाने वाला है, परंतु इसके लिए परिवारिक कलह से बचना और धैर्य रखना जरूरी होगा.
2. वृषभ राशि (ब, व, उ)
आपके लिए यह समय पड़ोसियों, भाई-बहनों एवं नजदीकी संबंधों में गलतफहमियां ला सकता है. वाणी में कठोरता से बचें. प्रॉपर्टी और पारिवारिक विरासत को लेकर विवाद संभव है. किसी भी सूचना पर आंख मूंदकर भरोसा न करें, अपनी ओर से पुष्टि जरूर करें.
कार्य की वजह से अनचाहे यात्राएं करनी पड़ सकती हैं. करियर में प्रमोशन के संकेत हैं, पर जिम्मेदारियों में वृद्धि होगी. प्रेम संबंधों में पुराने मुद्दों पर झगड़े हो सकते हैं, इन्हें शांतिपूर्वक सुलझाएं. पार्टनर को समय दें और उनकी भावनाओं का सम्मान करें. जितना हो सके, पारिवारिक और सामाजिक समन्वय बनाए रखें.
3. मिथुन राशि (क, छ, घ)
पैसों को लेकर पारिवारिक कलह संभव है. धन संबंधी योजनाएं भटक सकती हैं, इसलिए फाइनेंशियल प्लानिंग में बैकअप अवश्य रखें. पैसों को लेकर असंतोष और लालसा बढ़ सकती है. अत्यधिक मनी-माइंडेड होने से रिश्तों में खटास आ सकती है.
बिजनेस में अंधाधुंध लोन लेने से बचें. ओवरथिंकिंग छोड़ें, क्योंकि यह मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है. चैरिटी, दान-पुण्य अथवा किसी जरूरतमंद की मदद करके मंगल की ऊर्जा को सकारात्मक दिशा दें. हेल्थ पर विशेष ध्यान दें, क्योंकि मानसिक तनाव रक्तचाप और इम्युनिटी को प्रभावित कर सकता है.
4. कर्क राशि (ड, ह)
कर्क राशि वालों के लिए यह समय अत्यधिक भावुकता से भरा हो सकता है. छोटी-छोटी बातों को दिल पर न लें. आपको अपने कम्फर्ट जोन से बाहर निकलना पड़ सकता है. करियर में अचानक बदलाव हो सकता है— नई नौकरी, स्थान परिवर्तन या नई जिम्मेदारियां.
अपने आत्मविश्वास को बनाए रखें. चुनौतियों का सामना करें, भागने से लाभ नहीं होगा. अपने इमोशन्स को प्रैक्टिकली हैंडल करें, क्योंकि यह समय आपके व्यक्तित्व में बड़ा बदलाव ला सकता है. आत्मविश्लेषण कर, पुराने रुकावटों का समाधान खोजें.
5. सिंह राशि (म, ट)
विदेशों से जुड़े कार्य, विदेश यात्रा या विदेशी संबंधों में दिक्कतें आ सकती हैं. मानसिक व्यग्रता से नींद प्रभावित हो सकती है. अतः अनियंत्रित विचारों पर लगाम लगाएं. अनावश्यक खर्चे बढ़ सकते हैं, अतः धन-संयम आवश्यक है.
बिजनेस या निवेश में लॉन्ग टर्म नजरिया रखें. शॉर्ट टर्म स्पेकुलेशन से बचें. यदि नई शुरुआत करना चाहते हैं तो दीर्घकालिक लाभ को प्राथमिकता दें. मानसिक शांति के लिए मेडिटेशन, योग अपनाएं. रिश्तों में कठोर शब्दों से परहेज करें.
6. कन्या राशि (प, ठ, ण)
‘और बेहतर’ की चाह में उपलब्ध अवसरों को गंवाने से बचें. नौकरी बदलने या रिश्ते सुधारने के प्रयास व्यर्थ हो सकते हैं, यदि आपके पास स्पष्ट लक्ष्य न हो. नए बिजनेस या कार्य शैली में परिवर्तन की आवश्यकता पड़ेगी.
शक करने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है. इसे रोकिए, वरना रिश्तों में खटास आएगी. प्रोफेशन में स्थिरता खोजें, केवल मौज-मस्ती के लिए नौकरी न बदलें. उचित सलाह लेकर ही निर्णय लें.
7. तुला राशि (र, त)
करियर में बदलाव— स्थानांतरण या नई नौकरी की संभावना है. इससे दांपत्य जीवन में मतभेद हो सकते हैं, क्योंकि आपका पार्टनर आपकी करियर संबंधी योजनाओं से सहमत न हो. जीवनसाथी की सेहत और संतान पक्ष की चिंता संभव है.
वर्क-लाइफ बैलेंस बिगड़ सकता है. बिना बैकअप प्लान नौकरी छोड़ने की न सोचें. अपने गुस्से और निराशा को काबू में रखें. सलाहकार की मदद लें, संयम रखें और स्पष्ट संवाद करें. स्वास्थ्य का ध्यान रखें, शारीरिक एवं मानसिक थकान से उबरने के लिए आराम भी आवश्यक है.
8. वृश्चिक राशि (न, य)
हर बात पर जवाब या तर्क देने से बचें. ‘लिसन टू अंडरस्टैंड, नॉट टू आर्गू’— इस मूलमंत्र को अपनाएं. करियर में मेहनत के बेहतर परिणाम मिलेंगे, ढैया के समापन से लाभ होगा. घर में मांगलिक कार्य, शुभ समाचार, पूजन, हवन की संभावना.
शारीरिक परिवर्तन, फिटनेस गोल्स में सफलता मिलेगी. गुप्त योजनाओं और रणनीतियों को गोपनीय रखें. फालतू विवादों में समय न गवाएं. यह अवधि आपकी कर्मठता का फल प्रदान करने वाली हो सकती है.
9. धनु राशि (भ, ध, फ, ढ)
फाइनेंशियल गैंबलिंग, सट्टेबाजी से बचें. कम्युनिकेशन क्लीयर रखें, मन की बात सीधे बोलें, कुछ भी छिपाएं नहीं. छुपी हुई बातें उजागर हो सकती हैं, बेहतर होगा कि आप सत्य और पारदर्शिता से काम लें.
विवाह योग्य जातकों को अच्छे रिश्ते मिल सकते हैं. चट मंगनी पट ब्याह के अवसर संभव हैं. परंतु नए संबंध में अपेक्षाएँ स्पष्ट रखें. स्वास्थ्य के लिहाज से ब्लड शुगर, डायबिटीज की जांच करवाएं. संयमित खान-पान अपनाएं.
10. मकर राशि (ख, ज)
सेक्सुअल डिजायर बढ़ सकती हैं, किंतु संयम से काम लें. वित्तीय सामर्थ्य दिखाकर रिश्ते सुधारने का प्रयास बेकार होगा. पैसों से मुंह बंद नहीं किया जा सकता, स्वभाव में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है.
करियर पर फोकस करना अधिक लाभदायक होगा. धन कमाने के अवसर मिलेंगे, दीर्घकालीन निवेश से फायदा होगा. निजी जीवन में मोह-माया से बचें, बाहरी आकर्षण आपको फंसाने का प्रयास कर सकते हैं. अनुशासित रहकर आने वाला समय बेहतर बना सकते हैं.
11. कुंभ राशि (ग, श, ष)
कोर्ट-कचहरी के मामलों में लाभ है, यदि आप निर्दोष हैं तो निर्णय पक्ष में होगा. दोषी होने पर भी आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट पर विचार करें. विपरीत लिंगी व्यक्तियों से लाभ, मार्गदर्शन या सहयोग मिल सकता है.
आर्थिक प्रगति के अवसर हैं, परंतु मेहनत के अनुपात में ही फल मिलेगा. खुद की तुलना दूसरों से न करें. एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर से दूरी रखें, अन्यथा प्रतिष्ठा व मानसिक शांति बाधित हो सकती है.
12. मीन राशि (द, च, झ, थ)
परिवार में नए सदस्य के आगमन से खुशी— शादी या संतान की प्राप्ति हो सकती है. फाइनेंशियल ग्रोथ के लिए यह समय उत्तम है, कठोर परिश्रम और अनुशासन कारगर होंगे. आगामी वर्ष में शनि की स्थितियाँ आपको कंसिस्टेंसी और परिश्रम का पुरस्कार देंगी.
रूटीन मेंटेन करें, अनुशासित जीवनशैली अपनाएं, इससे आने वाले समय की चुनौतियों का सामना कर पाएंगे. अत्यधिक भावुक होने से बचें, लोगों की बातों को मन पर न लें. मानसिक स्थिरता बनाए रखें.