पलपल संवाददाता, जबलपुर/कटनी. एमपी के कटनी जिले में लम्बे समय से चर्चाओं में बने एक सीएसपी स्तर के अधिकारी की कार्यप्रणाली को लेकर अब सवाल उठने लगे है. यहां तक कि चर्चा है कि अधिकारी अपराधों पर नियंत्रण करने के बजाय अपने तरीके से कानून व्यवस्था को संचालित करने में ज्यादा विश्वास रखते है. इस राजपत्रित अधिकारी के खिलाफ हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता ने आईजी अनिल सिंह कुशवाहा, डीआईजी अतुल सिंह व पुलिस मुख्यालय भोपाल तक लिखित शिकायत की है. जिसकी जांच के आदेश डीआईजी ने एसपी को दिए है.
पुलिस महानिदेशक से लेकर पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उपमहानिरीक्षक से की गई लिखित शिकायत में अधिवक्ता ने कहा कि जब से सीएसपी स्तर के ये अधिकारी कटनी में पदस्थ हुए है. उस वक्त से ही इनकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होने लगे थे. इन्होने अपने शासकीय आफिस को निजी आफिस के जैसे बना लिया,यहां पर आमजनता की शिकायतों को न सुनना, फोन न उठाना, यहां तक कि अपने अधीनस्थ स्टाफ के साथ अभद्रतापूर्वक व्यवहार करना इनकी आदत में शुमार हो चुका है. शिकायत में यहां तक कहा गया है कि इन सारी बातों की जांच कार्यालय में लगे सीसीटीवी से कराई जा सकती है. शिकायत में यह कहा गया है कि आफिस को अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए उपयोग करना, जैसे पाटी करना शामिल है. शिकायत में कहा गया है कि अधिकारी की जांच कटनी पुलिस विभाग न कराकर स्वतंत्र एसआईटी गठित कर कराई जाए. ऐसे और भी कई बिन्दुओं को सामने रखकर हाईकोर्ट के अधिवक्ता ने शिकायत की है. उक्त शिकायत की जांच के आदेश डीआईजी अतुल सिंह ने एसपी को दिए है. गौरतलब है कि सीएसपी स्तर के अधिकारी पहले भी चर्चाओं में रहे है, खासबात तो यह है कि अधिकारी को लेकर कटनी में ही पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी तक शिकायत की गई लेकिन कोई भी कार्यवाही नही की गई. यहां तक कि अधिकारी ने कई बार तो अपने राजनैतिक संबंधों के दम भी लोगों को शांत कराने की कोशिश की है. अब अधिवक्ता द्वारा की गई शिकायत पर क्या होता है यह भी देखने वाली बात होगी.
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