रायपुर. छत्तीसगढ़ एक ऐसा प्रदेश है, जहां कुदरत ने अपनी संपदा को भरपूर मात्रा में बांटा है. यहां न तो पानी की कमी है, न भूमि की और न मेहनतकश लोगों की. इस कार्यक्रम में डेयरी और वन उपज के क्षेत्र में दो नई और सकारात्मक शुरुआत हुई हैं. यह बात केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने दोनों एमओयू के दौरान कही.
उन्होंने कहा, आज पूरी दुनिया यह समझ चुकी है कि हमारे खानपान में रासायनिक तत्वों की बढ़ती मात्रा के कारण कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और थायराइड जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं. ऑर्गेनिक खेती न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि यह पर्यावरण और भूमि की उर्वरता के लिए भी अनुकूल है.
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री शाह ने गुजरात के अनुभव साझा करते हुए बताया कि वहां देसी गाय के गोबर से ऑर्गेनिक खाद बनाकर 21 एकड़ भूमि पर खेती सफलतापूर्वक की जा रही है. जैविक खेती के माध्यम से हम कृषि को लाभकारी बना सकते हैं और भूमि की उर्वरता को पुनर्जीवित कर सकते हैं.
वन उपज के विकास को लेकर उन्होंने कहा, आज से जनजातीय समुदाय की वन उपज, जो पहले कौडिय़ों के दाम पर बिक जाती थी, अब सर्टिफिकेशन व बेहतर मार्केटिंग के माध्यम से उचित मूल्य पर बेची जाएगी. सीएम साय ने सर्किट हाउस जगदलपुर में सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को स्मृति चिन्ह के रूप में धनुष बाण भेंट किया. इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा उपस्थित थे.
पुलिस और सुरक्षाबलों में कॉर्डिनेशन अच्छा
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने रायपुर में राज्य में वामपंथी उग्रवाद की स्थिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुयमंत्री विजय शर्मा, गोविंद मोहन केन्द्रीय गृह सचिव, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के महानिदेशक मौजूद थे.
इस दौरान केन्द्रीय गृह मंत्री ने सभी बलों और एजेंसियों को मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद को पूर्णतया समाप्त करने के लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में संयुक्त प्रयास करने को कहा. बैठक के बाद केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में छत्तीसगढ़ पुलिस और अन्य सुरक्षाबलों ने बहुत अच्छे और समन्वित तरीके से काम किया है.
उन्होंने कहा, हमारे सुरक्षाबलों के कारण पिछले एक साल में नक्सलियों को सबसे ज़्यादा नुकसान पहुंचा है जो एक बहुत बड़ी सफलता है. शाह ने कहा, मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को खत्म करने की दिशा में अभी हमें काफी काम करना बाकी है और इसमें एनआईए की बहुत प्रमुख भूमिका रहेगी.
उन्होंने कहा, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ छत्तीसगढ़ पुलिस और डी आर जी मिलकर एक साल में बहुत बड़े लक्ष्य की ओर बढ़े हैं और निश्चित रूप से मार्च, 2026 से पहले ही हम नक्सलवाद को खत्म कर देंगे. अमित शाह ने जवानों को 2024 में नक्सलवाद के खिलाफ मिली अप्रत्याशित सफलता पर बधाई दी और उन्हें इसी जोश के साथ नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया. जिससे मार्च 2026 तक देश को पूरी तरह से इस समस्या से मुक्ति दिलाई जा सके.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था होगी मजबूत
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, इस समझौते के जरिए प्रदेश में तकनीकी उन्नयन, पेशेवर अनुभव और डेयरी उद्योग के विकास में एनडीडीबी की विशेषज्ञता का लाभ मिलेगा. डेयरी उद्योग से न केवल रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और प्रदेशवासियों के पोषण स्तर में भी सुधार होगा.
दूध उत्पादन के बढ़ने से सुपोषण अभियान को नई दिशा मिलेगी, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य और विकास में सहायता मिलेगी. मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों से अपील की कि वे सहकारी समितियों से जुड़कर अपनी आय में बढ़ोतरी करें और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण में सहभागी बनें. यह समझौता प्रदेश के डेयरी उद्योग और ग्रामीण विकास के लिए एक नई दिशा और नई ऊर्जा प्रदान करेगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-