अभिमनोज
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस शेखर कुमार यादव सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के सामने पेश हुए, जिन पर विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में कथित तौर पर विवादित बयान देने का आरोप लगा था.
खबरों की मानें तो.... चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के नेतृत्ववाली कॉलेजियम ने जस्टिस यादव को नसीहत देते हुए कहा कि- जज का कोई बयान निजी नहीं होता है, इसलिए संवैधानिक मानदंडों के हिसाब से ही अपनी बात रखनी चाहिए, ऐसी टिप्पणी से बचा जा सकता था.
खबर यह भी है कि.... सुप्रीम कोर्ट की कॉलेजियम की ओर से जस्टिस यादव का पक्ष भी गंभीरता से सुना गया, जिसमें उन्होंने अपना पक्ष रखा.
खबरों पर भरोसा करें तो.... जस्टिस यादव ने अपने बयान का संदर्भ नहीं समझे जाने की बात कही.
उल्लेखनीय है कि.... सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम में चीफ जस्टिस संजीव खन्ना के साथ जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस बीआर गवई तथा अन्य दो जज शामिल हैं, जिसके समक्ष दी गई सफाई में जस्टिस यादव ने भाषण को लेकर अपना नजरिया स्पष्ट किया और कहा कि- उनके भाषण को पूरे संदर्भ में नहीं समझा गया, भाषण के कुछ हिस्सों को उठाकर विवाद पैदा किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की ओर से अब इस मामले में फैसला दिया जाएगा!
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम- ऐसी टिप्पणी से बचा जा सकता था, जस्टिस यादव- बयान का संदर्भ नहीं समझा गया!
प्रेषित समय :19:40:30 PM / Wed, Dec 18th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर