अभिमनोज
विश्व हिंदू परिषद के एक कार्यक्रम में कथित आपत्तिजनक बयान देने के मामले में चर्चित इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस शेखर यादव को लेकर पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ का कहना है कि- वे जस्टिस शेखर यादव की नियुक्ति को लेकर शुरू से विरोध में थे और उन्होंने इसके लिए तत्कालीन सीजेआई को पत्र भी लिखा था.
लाइव लॉ के हवाले से आ रही खबरों पर भरोसा करें तो उनका कहना है कि- एक कार्यरत न्यायाधीश को हमेशा सावधान रहना चाहिए कि वह न्यायालय के अंदर और बाहर क्या बोल रहा है?
खबरों पर भरोसा करें तो.... उन्होंने यह भी कहा कि- एक परामर्शदाता न्यायाधीश के रूप में उन्होंने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जस्टिस शेखर यादव का न्यायाधीश के रूप में उनकी नियुक्ति का विरोध किया था.
उनका कहना है कि- उन्होंने तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले तत्कालीन कॉलेजियम को पत्र लिखकर न्यायमूर्ति शेखर यादव की इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जज के रूप में नियुक्ति का कड़ा विरोध किया था, मैंने भाई-भतीजावाद, रिश्तेदारी और अन्य संबद्धता जैसे कारकों के कारण उनके नाम का कड़ा विरोध किया था.
उनका साफ कहना है कि..... एक कार्यरत जज को हमेशा सावधान रहना चाहिए कि वह कोर्ट के अंदर और बाहर क्या बोल रहा है, किसी न्यायाधीश के बयान से ऐसा संदेश नहीं जाना चाहिए जिससे न्यायपालिका के पक्षपाती होने की धारणा बने.
खबरें थी कि.... जस्टिस शेखर यादव को अपने बयान को लेकर सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम के सामने भी पेश होना पड़ा था, जहां उन्हें सलाह दी गई थी कि- वे अपने संवैधानिक पद की गरिमा बनाए रखें और सार्वजनिक भाषण देते समय सावधानी बरतें!
पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ का कहना है कि- वे जस्टिस शेखर यादव की नियुक्ति के विरोध में थे!
प्रेषित समय :19:27:56 PM / Sat, Dec 21st, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर