*30 दिसम्बर 2024 सोमवार को सूर्योदय से 31 दिसम्बर प्रातः 03:56 सोमवती अमावस्या है.
*ज्योतिष के अनुसार पौष अमावस्या के दिन वृद्धि योग बन रहा है. इस योग की गई पूजा, दान और जप से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है. इस दिन पितरों की आत्माओं की शांति के लिए भी विशेष उपाय किए जाते हैं.
*सोमवती अमावस्या के दिन अन्न, दूध, फल, चावल, तिल और आंवले का दान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्त होगा. इस दिन गरीबों, साधु, महात्मा तथा ब्राह्मणों को भोजन करवाना चाहिए.*
*पौष अमावस्या पर गंगा स्नान और दान का विशेष महत्व है. इस दिन किया गया दान सौ गुना फल देता है. वृद्धि योग में किए गए कार्य जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं.*
*यह दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने और आर्थिक समृद्धि के लिए श्रेष्ठ है. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि सोमवती अमावस्या की तिथि पर पितरों का तर्पण करना बहुत शुभ होता है. इस दिन पितरों को तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.*
*सोमवती अमावस्या के दिन सुबह से लेकर रात 8 बजकर 32 तक वृद्धि योग रहेगा. इस योग में किए गए सभी कार्यों में वृद्धि होती है. इस योग में किए गए कार्यों में कोई रुकावट नहीं आती है. इस शुभ योग में किए गए सभी काम सफल होते हैं. साथ ही उनका अच्छा परिणाम मिलता है.*
*सोमवती अमावस्या के दिन सुबह जल्दी स्नान कर भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से सभी पापों से मुक्ति मिलेगी. इसके साथ ही भगवान सूर्यनारायण का आशीर्वाद प्राप्त होगा.*
*अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष में पितरों का वास होता है. इस दिन पीपल और भगवान विष्णु का पूजन किया जाए तो सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. लक्ष्मी जी की कृपा पाने के लिए इस दिन मीठे जल में दूध मिलाकर चढ़ाएं, क्योंकि इस दिन पीपल के पेड़ पर मां लक्ष्मी का वास माना जाता है. पूजन के बाद पीपल की यथा शक्ति परिक्रमा करके जीवन में आने वाली सभी समस्याएं खत्म होने के लिए प्रार्थना करें.
*बताया जाता है कि अगर हम किसी नदी में स्नान करने नहीं जा पाते हैं तो घर पर पानी में गंगाजल मिलाएं और तीर्थों का ध्यान करते हुए स्नान करें. सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें. इसके लिए तांबे के लोटे में जल भरें और सूर्यदेव को चढ़ाएं. ऐसा करने से भी तीर्थ और नदी स्नान के बराबर पुण्य मिल सकता है. स्नान के बाद जरूरतमंद लोगों को अनाज और गौशाला में धन, हरी घास का दान करें. अमावस्या पर पितरों के लिए धूप-ध्यान करें. घर में दोपहर करीब 12 बजे गाय के गोबर से बने कंडे जलाएं और उसके अंगारों पर गुड़-घी डालें. पितरों का ध्यान करें. हथेली में जल लें और अंगूठे की ओर से पितरों को अर्घ्य अर्पित करें. किसी शिव मंदिर में दीपक जलाएं, शिवलिंग पर जल चढ़ाते हुए ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें. हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें.*
दरिद्रता मिटाने हेतु
*जिनको रोजी – रोटी में बरकत न पड़ती हो वे सोमवती अमावस्या के दिन मौन रहकर प्रात: स्नान करें तो 1000 गोदान का फल मिलेगा और पीपल देवता की 108 परिक्रमा करें तथा प्रार्थना करें : ‘हे वृक्षराज ! आपकी जड़ में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और शिखर में शिव तत्व हैं, आपको मेरा नमस्कार है | आप मेरे द्वारा की हुई पूजा को स्वीकार करें और मेरे पापों का हरण करें |’ इससे आरोग्य भी प्राप्त होगा |
*ऐसे ही तुलसी की 108 परिक्रमा करें और प्रार्थना करें : ‘हे तुलसी माँ ! आप मेरे घर की दरिद्रता – दीनता नष्ट करें |’*
*दरिद्रता मिटाने के लिए तथा जो नौकरी वाले लोग हैं या जो काम-धंदे में विफल हुए हैं अथवा जिनको किसी से कुछ लेना बनता है और रुका हुआ है उनके लिए यह बहुत जरूरी है |*
*पायें जप का दस लाख गुना लाभ
*सोमवती अमावस्या को किया हुआ जप सूर्यग्रहण के समान 10 लाख गुना फलदायी होता है | चौदस की रात्रि को जप करते-करते सोना और सुबह उठकर थोडा शांतमय जप में बैठना | जप की संख्या बढ़ाना नहीं, जप के अर्थ में शांत होते जाना |*
*करोड़ काम छोड़कर सोमवती अमावस्या को हरि का भजन और तुलसी की परिक्रमा तुम्हे करनी ही चाहिए | कोई महिला मासिक धर्म में हो तो उसको छुट है , बाकी के लोग यह जरुर करना | इससे आपको बहुत लाभ होगा | आर्थिक लाभ होगा, बुद्धिलाभ होगा और पुण्यलाभ भी होगा |*
सोमवती अमावस्या पर विशेष मंत्र
*जिनको पैसो की कमजोरी है तो तुलसी माता को 108 प्रदिक्षणा करें | और श्री हरि.... श्री हरि.... श्री हरि.... श्री हरि.... ‘श्री’ माना सम्पदा, ‘हरि’ माना भगवान की दया पाना | तो गरीबी चली जायेगी .