पलपल संवाददाता, जबलपुर.एमपी के जबलपुर में चल रही शीतलहर के बीच सोमवती अमावस्या पर आज पुण्य सलिला नर्मदा नदी में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. इस मौके पर नर्मदा नदी के गौरीघाट, उमाघाट, जिलहरी घाट, तिलवारा घाट में लोगों की भीड़ देखने को मिली. इसके अलावा नर्मदापुरम में नर्मदा नदी के घाट व उज्जैन में शिप्रा नदी में लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई. इन सभी क्षेत्रों में भीड़ को देखते हुए पुलिस व जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे.
जबलपुर में गौरीघाट, जिलहरी घाट, तिलवारा घाट पर आज सुबह 5 बजे से ही श्रद्धालुओं का आना शुरु हो गया था. शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोग परिवार सहित पहुंचे, यहां पर लोगों ने स्नान के बाद पूजन-अर्चन किया. एक अनुमान के तहत बताया गया है कि जबलपुर में नर्मदा नदी के घाटों पर 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे है. गौरतलब है कि यह साल 2024 की अंतिम सोमवती अमावस्या है. यह सोमवती अमावस्या सनातनियों के लिए इसलिए भी खास है क्योंकि साल 2025 में सोमवती अमावस्या नहीं पड़ रही है. इसके लिए 15 जून 2026 का इंतजार करना पड़ेगा.
15 जून 2026 को अगली सोमवती अमावस्या-
नर्मदापुरम के सेठानी घाट में भी हजारों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई. यहां पर भी आज सुबह 5 बजे से ही कड़कड़ाती ठंड में श्रद्धालुओं के स्नान का सिलसिला शुरू हुआ. नर्मदापुरम के विवेकानंद घाट, परमहंस घाट, कोरी घाट, पर्यटन घाट, बांद्राभान संगम सहित जिलेभर के घाटों पर भारी भीड़ रही.
उज्जैन में शिप्रा नदी में स्नान कर श्रद्धालुओं ने दान-पुण्य किया-
उज्जैन में शिप्रा नदी के सोमकुंड में श्रद्धालुओं ने स्नान कर तीर्थ पर दान-पुण्य व पितृ कर्म किया. सुबह से ही श्रद्धालु रामघाट पर डुबकी लगाने पहुंचे, महाकाल मंदिर सहित शहर के अन्य मंदिरों में भी दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी है. शिप्रा घाट की ओर जाने वाले रास्ते पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं. सोमतीर्थ स्थित सोमकुंड में पर्व स्नान की व्यवस्था की गई है. सोमवती अमावस्या पर शिप्रा नदी के साथ-साथ सोमकुंड में भी स्नान करने की परंपरा भी है. शिप्रा घाट पर पंडितों ने घाट के ऊपर स्थित धर्मशाला में पितरों के निमित्त पिंडदान और तर्पण कराया.
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