भारत-पाकिस्तान ने की परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान, विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी

भारत-पाकिस्तान ने की परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान

प्रेषित समय :17:25:53 PM / Wed, Jan 1st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. भारत और पाकिस्तान ने बुधवार को अपने परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान किया. यह आदान-प्रदान दोनों देशों के बीच एक समझौते के तहत किया गया है. यह समझौता दोनों देशों को एक-दूसरे के परमाणु ठिकानों पर हमला करने से रोकता है और यह तीन दशकों से चली आ रही परंपरा का हिस्सा है.

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने बताया कि यह आदान-प्रदान परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं पर हमले को रोकने के समझौते के तहत किया गया. यह सूची नई दिल्ली और इस्लामाबाद में एक साथ कूटनीतिक चैनलों के जरिए साझा की गई. भारत और पाकिस्तान के बीच इस सूची का आदान-प्रदान हर साल एक जनवरी को होता है और दोनों देशों को एक-दूसरे को सूचित करना होता है कि उनके परमाणु प्रतिष्ठान और सुविधाएं इस समझौते के दायरे में हैं.

समझौते का इतिहास क्या है

इस समझौते पर 31 दिसंबर 1988 को दोनों देशों ने हस्ताक्षर किए थे. 27 जनवरी 1991 को इसे लागू किया गया था. इस समझौते का मकसद दोनों देशों के बीच परमाणु प्रतिष्ठानों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है, ताकि परमाणु युद्ध या हमले की संभावना को कम किया जा सके. भारत और पाकिस्तान के बीच यह 34वीं बार सूची का आदान-प्रदान हुआ. एक जनवरी 1992 से यह आदान-प्रदान लगातार हो रहा है.
 
तनावपूर्ण संबंधों के बीच सूची का आदान-प्रदान

कश्मीर पर विवाद और सीमा पार आतंकवाद जैसे मुद्दों के कारण दोनों देशों के बीच संबंध हाल के वर्षों में तनावपूर्ण रहे हैं. इसके बावजूद इस सूची का आदान प्रदान किया गया, जो समझौते और सुरक्षा के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.

दोनों देशों ने साझा की नागरिक कैदियों की सूची

इसके अलावा, भारत औऱ पाकिस्तान ने आज एक-दूसरे के कब्जे में रह रहे नागरिक कैदियों और मछुआरों की सूची की भी आदान-प्रदान किया. विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह सूची कूटनीतिक चैनलों के जरिए साझा की गई. यह आदान-प्रददान 2008 के कांसुलर पहुंच (एक्सेस) समझौते के तहत किया गया है, जिसके अनुसार दोनों देशों को हर साल एक जनवरी और एक जुलाई को एक-दूसरे को अपने कब्जे में मौजूद नागरिक कैदियों और मछुआरों की सूची देनी होती है.

भारत ने 381 नागरिक कैदियों और 81 मछुआरों के नाम की सूची दी है, जो या तो पाकिस्तानी हैं या जिनके पाकिस्तानी होने का शक है. वहीं, पाकिस्तान ने 49 नागरिक नागरिक कैदियों और 217 मछुआरों के नाम की सूची साझा की है, जो या तो भारतीय हैं या जिनके भारतीय होने का शक है.

कैदियों, मछुआरों को जल्द रिहा करे पाकिस्तान- विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से कहा कि वह जल्द से जल्द इन नागरिक कैदियों, मछुआरों और लापता भारतीय सैनिकों को रिहा करे और उन्हें भारत भेजे. भारत ने यह भी कहा कि 183 भारतीय मछुआरों और नागरिक कैदियों को जल्द रिहा किया जाए, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है.

इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तान से यह भी कहा है कि जो 18 भारतीय नागरिक पाकिस्तान की जेलों में हैं और जिनको अब तक कांसुलर पहुंच प्रदान नहीं की गई है, उन्हें तुरंत कांसुलर पहुंच प्रदान की जाए. मंत्रालय ने पाकिस्तान से यह भी कहा कि वह सभी भारतीय और भारत होने के शक वाले नागरिक कैदियों और मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करे, जब तक वे भारत वापस नहीं भेजे जाते.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-