भोपाल. मध्यप्रदेश कैबिनेट की साल 2025 में पहली बैठक मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में हुई. जिसमें कई कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों के निर्णयों के बारे में जानकारी दी गई.
कैबिनेट की बैठक में लिए गए ये महत्वपूर्ण फैसले
हम युवाओं को एक नई दिशा कौशल रोजगार, तकनीकी, खेल युवा कल्याण पर स्वामी विवेकानंद युवा शक्ति मिशन शुरू करने जा रहे हैं और रोजगार से वह कैसे जल्द से जल्द जुड़े. इसमें सभी विभागों के सदस्य रहेंगे. आज भारत देश का सबसे युवा देश कहलाता है. हमारे यहां 27 प्रतिशत युवाओं की आबादी है.
किसानों से संबंधित जितने भी उपक्रम हैं. इसमें कैसे हम वृद्धि कर सकें. मध्यप्रदेश डेयरी और राष्ट्रीय डेयरी विकास के साथ अनुबंध कर रहे हैं. सारे दूध के उत्पादन, परिवहन, दूध की पैकिंग, दूध की प्रोसेसिंग और मार्केटिंग. यह सब किसान करता है. हमारे यहां दूध डेयरी. हम फोकस करेंगे कि प्रोफेशनल लोगों को जोड़कर काम करेंगे. प्रत्येक गांव के अंदर एक सहकारी समिति होनी चाहिए. जिसमें दूध उत्पादन हो सके.अगले पांच साल के अंदर 15 सौ करोड़ का इंवेस्टमेंट करेंगे. सांची ब्रांड को हम महत्वपूर्ण ब्रांड बनाएंगे.
एससी, एसटी युवाओं को कोचिंग देने के साथ गैर एससी-एसटी स्टूडेंट्स को भी कोचिंग देने का काम किया जाएगा. युवाओं से संवाद करने पर काम किया जाएगा. युवाओं की क्षमता बढ़ाने का काम होगा. उन्हें रचनात्मक दिशा में ले जाने का काम किया जाएगा. इसके लिए आवश्यक वित्तीय प्रबंध किए जाएंगे. कलेक्शन सेंटर की संख्या और उनकी क्षमता बढ़ाई जाएगी. पशुधन खरीदने के लिए को ऑपरेटिव सेक्टर के माध्यम से लोन दिलाने का काम किया जाएगा.
विजयवर्गीय ने कहा कि केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह कह चुके हैं कि हर गांव में कोऑपरेटिव कमेटी होनी चाहिए. इसी के तहत काम होगा. एमपी में 53 हजार गांव हैं और हर गांव में दुग्ध सहकारी समिति बनाने का काम किया जाएगा. चिलिंग प्लांट लगाने, दूध का उत्पादन बढ़ाने का काम समेकित व्यवस्था के अंतर्गत किया जाएगा.
पांच साल में 1500 करोड़ का इन्वेस्टमेंट किया जाएगा. अभी समितियों की संख्या 6 हजार है. जिसे 9 हजार तक किया जाएगा. दूध संकलन अभी 10 लाख लीटर होता है. जिसे 20 लाख लीटर किया जाएगा. इसकी वार्षिक आय को 1700 करोड़ से बढ़ाकर 3500 करोड़ तक करने का लक्ष्य दिया गया है.
पीथमपुर के लिए 6 हफ्तों का समय मिला है. हम छोटे-छोटे ग्रुपों में जाकर बताएंगे कि ये कचरे से जहरीले गैस निकल चुकी है.