- डॉ. अशोक कुमार वर्मा
नशे का व्यापार
पाप और अत्याचार.
निष्कर्ष
बहुत हुआ बस, अब और नहीं.
नशे का प्रचार.
तस्करों का कारोबार.
अपकर्ष
मृत्यु का सौदा, अब और नहीं.
नशे का प्रयोग
जीवन से वियोग.
भावार्थ
जीते जी मृत्यु और दुर्गति, अब और नहीं.
नशे के प्रकार.
तन-मन और धन विकार.
सत्यार्थ
बल-बुद्धि का पतन, अब और नहीं.
नशे का शौक.
कलह-क्लेश और निर्धनता रुपी शोक.
चिंतन
सुख-शान्ति का पतन, अब और नहीं.
नशे पर प्रहार
कर रही है सरकार.
शिक्षा
नशा और नशे का व्यापार, अब और नहीं.
नशे से दूरी
जीवन के लिए जरुरी.
संकल्प
तिरस्कार और निंदा में जीना, अब और नहीं.
नशे की लत
मौत का खत.
चेतावनी
कैंसर और पीड़ा की मृत्यु, अब और नहीं.