पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी हाईकोर्ट ने बैरागढ़ में सड़क विकास निगम की जमीन की नीलामी के मामले में याचिकाकर्ता पर पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. इस मामले में याचिकाकर्ता निखिल गांधी ने कम बोली लगाने वाले को जमीन देने का दावा करते हुए याचिका दायर की थी. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 41 करोड़ रुपए का जमा करने के आदेश दिए थे.
श्री गांधी ने उक्त राशि जमा न करते हुए हाईकोर्ट में लंबित याचिका वापस लेने का आग्रह किया. चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ व जस्टिस विवेक जैन की युगलपीठ ने सुप्रीम व हाईकोर्ट का समय बर्बाद करने के कारण पर 5 लाख रुपए की कॉस्ट लगाई है. गांधी की ओर से साल 2022 में दायर याचिका में कहा गया था कि सड़क विकास निगम की 6232 वर्ग मीटर जमीन के लिए उसने 29 करोड़ की बोली लगाई. सबसे अधिक बोली के बावजूद 21 करोड़ की बोली लगाने वाले व्यक्ति को जमीन दे दी गई. हाईकोर्ट ने नीलामी प्रक्रिया पर रोक लगा दी. रोक के खिलाफ सड़क विकास निगम ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की. सुप्रीम कोर्ट में गांधी ने जमीन के लिए 41.41 करोड़ का प्रस्ताव पेश किया. सुप्रीम कोर्ट ने प्रस्ताव स्वीकार करते हुए ये राशि 3 माह में हाई कोर्ट में जमा करने के आदेश दिए थे.
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