अभिमनोज
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि- विभिन्न सरकारें, अदालत परिसरों में शौचालयों के निर्माण, रखरखाव और साफ-सफाई के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित करें.
खबरें हैं कि.... सुप्रीम कोर्ट ने देश भर की अदालत परिसरों और ट्रिब्यूनल्स में महिलाओं के लिए शौचालय सुविधाओं के निर्माण को लेकर एक महत्वपूर्ण आदेश पारित किया है, जिसमें जस्टिस जेबी परदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की बेंच ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि- वे शौचालयों के निर्माण,रखरखाव और साफ-सफाई के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित करें.
यही नहीं, इन सुविधाओं की समय-समय पर समीक्षा के लिए हाई कोर्ट्स की ओर से एक समिति का गठन किया जाएगा.
इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों और उच्च न्यायालयों को चार महीने की अवधि के भीतर इस मामले में अपनी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश भी दिया है.
खबरों पर भरोसा करें तो.... इस मामले में मौखिक रूप से यह चेतावनी भी दी गई है कि- यदि इन निर्देशों का पालन नहीं किया गया, तो अदालत अवमानना की कार्रवाई की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि.... पिछले वर्ष से यह मामला पेंडिंग था, जिस पर सुनवाई के बाद यह निर्णय दिया गया है.
अदालत ने इस बात पर असंतोष व्यक्त किया है कि- कई अदालतों में महिला न्यायिक अधिकारियों के लिए भी निजी शौचालय उपलब्ध नहीं हैं, जबकि.... महिला, वकील और न्यायिक अधिकारियों के लिए अलग शौचालय सुविधाएं उपलब्ध कराई जानी चाहिए.
अदालत का यह भी कहना है कि- महिला शौचालयों में सैनिटरी नैपकिन डिस्पेंसर की सुविधाएं भी उपलब्ध होनी चाहिए, साथ ही इन सुविधाओं के रखरखाव पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए.
इस संबंध में अदालत का यह कहनाहै कि- इस फैसले की प्रति सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार जनरल को कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए भेजी जाए!
सुप्रीम कोर्ट: सरकारें, अदालत परिसरों में शौचालयों के निर्माण, रखरखाव और साफ-सफाई के लिए पर्याप्त धनराशि आवंटित करें!
प्रेषित समय :20:16:36 PM / Wed, Jan 15th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर




