पलपल संवाददाता, जबलपुर/दमोह. एमपी दमोह स्थित क्रिश्चियन कालोनी में पुलिस ने छात्रावास में दबिश देकर 12 नाबालिग बच्चों को छुड़ाया है. राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के निर्देश पर की गई कार्रवाई में पुलिस ने दोनों लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर बुधवार रात क्रिश्चियन कॉलोनी में की गई छापेमारी में 12 नाबालिग बच्चों को एक हॉस्टल से छुड़ाया गया.
बताया गया हे कि पीके शुक्ला मिशनरी के लिए लम्बे समय से काम कर रहा है, वह बच्चों को ईसाई धर्म की शिक्षा दे रहा है. पीके शुक्ला कोरोना काल में बच्चों को जबलपुर से लेकर आया और क्रिश्चियन कालोनी स्थित छात्रावास में रुकवा दिया. यहां तक कि बच्चों का एडमिशन मिशनरी द्वारा संचालित नवजागृति स्कूल में करा दिया, यहां तक कि बच्चों के एडमिशन फार्म पर माता-पिता की जगह पीके शुक्ला व उनके बेटे का नाम दर्ज कर दिया. जबकि यहां पर बच्चों को बंधक बनाकर धर्मान्तरण कराया जा रहा था.
इस बात की शिकायत मिलने पर कोतवाली पुलिस ने देर रात हॉस्टल में दबिश दी. जहां से 12 नाबालिग बच्चों को छुड़ाया है. पुलिस ने मौके से भारी मात्रा में धर्म परिवर्तन से संबंधित साहित्य सहित अन्य दस्तावेज बरामद किए है. बाल कल्याण समिति सागर की अनुशंसा पर पुलिस ने पीके शुक्ला व अनामिका क्रूजर के खिलाफ धारा 143, 143, 43/5, 42, 75 किशोर न्याय अधिनियम, एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है. बच्चों की काउंसलिंग में सामने आया कि उन्हें अवैध तरीके से रखकर ईसाई धर्म का पाठ पढ़ाया जा रहा था. राज्य बाल आयोग ने इस गंभीर मामले की विस्तृत जांच के निर्देश जिला प्रशासन को दिए हैं.
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